डीजीएमएस में चार साल से नहीं हुआ राष्ट्रीय खान सुरक्षा पुरस्कार समारोह
जागरण संवाददाता धनबाद डीजीएमएस में पिछले साल से राष्ट्रीय खान सुरक्षा पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन नहीं हुआ है। वहीं बुधवार को पुररस्कार के लिए वर्ष 2020 में आए आवेदनों पर ही चर्चा की जाएगी।
जागरण संवाददाता, धनबाद : श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के खान सुरक्षा महानिदेशालय द्वारा निजी व सरकारी खान को बेहतरी करने के लिए पुरस्कृत किया जाता है। इसमें वैसे खनन परियोजना को चुना जाता है, जो खनन के क्षेत्र में व शून्य दुर्घटना व खनन नियमों के पालन करते हैं। वैसे खनन परियोजनाओं को राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार से नवाजा जाता है। पुरस्कार वितरण दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति के द्वारा समारोह आयोजित कर दिया जाता है।
इसमें कोयला, मेटल, गोल्ड, आयरन व आयल आदि कंपनियों हिस्सा लेती है। लेकिन वर्ष 2017 से पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन नहीं हुआ है। पुरस्कार कमेटी ने 2017 से 2019 तक के आवेदन पर सत्यापन करते हुए चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। 2017 से 2019 के बीच शून्य खान दुर्घटना और सुरक्षा मापदंड में बेहतर काम करने के लिए बीसीसीएल, सीसीएल और ईसीएल की कई खदानों को चुना गया है। 18 सदस्यीय टीम इसका चयन करती है। कमेटी के चेयरमैन डीजीएमएस के डीजी होते हैं। हर साल 34 खदानों को चयन किया जाता है, जिसमें 17 विजेता व 17 उपविजेता की श्रेणी में आते हैं। वर्ष 2020 के आवेदन पर आज होगी बैठक : डीजीएमएस के विकास भवन में बुधवार को पुरस्कार के लिए वर्ष 2020 में आए आवेदन पर चर्चा होगी। इस वर्ष 425 आवेदन आए है। इसमें ईसीएल के चार, डब्ल्यूसीएल के चार, एसइसीएल के तीन आवेदन शामिल है। बैठक की अध्यक्षता डीजी प्रभात कुमार करेंगे। एक साथ चार साल का कार्यक्रम कराने की तैयारी : डीजीएमएस प्रबंधन वर्ष 2017 से लेकर 2020 तक कार्यक्रम एक साथ कराने का विचार कर रही है। वर्ष 2015-2016 का कार्यक्रम भी तीन साल बाद 16 दिसंबर 2019 को दिल्ली के विज्ञान भवन में हुआ था। किस साल कितनी खदान दुर्घटना साल घटना मौत
2017 61 61
2018 49 62
2019 51 55
2020 45 48
2021 16 17 (जून तक की रिपोर्ट)
वर्जन :
कोरोना के कारण भी पुरस्कार समारोह में देरी हुई है। कमेटी का प्रयास है कि राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार समिति की बैठक नियमित हो और चयन की प्रक्रिया जल्दी की जाए। पुरस्कार का वितरण राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता है। इसलिए उनसे समय लिया जा रहा है।
- जीके श्रीवास्तव, पुरस्कार समिति के सदस्य