सरसों तेल के फिर बढ़े दाम, आठ से 17 रुपये की बढ़ोत्तरी

जिले में एक बार फिर सरसों तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है। इस बार यह बढ़ोत्तरी अलग-अलग ब्रांड के सरसों तेल पर आठ रूपये से लेकर 17 रुपये तक दर्ज की जा रही है। बढ़ी कीमतों ने एक बार फिर से रसोई को चिंता में डाल दिया है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 11:58 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 07:15 PM (IST)
सरसों तेल के फिर बढ़े दाम, आठ से 17 रुपये की बढ़ोत्तरी
जिले में एक बार फिर सरसों तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है।

जागरण संवाददाता, धनबाद: जिले में एक बार फिर सरसों तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है। इस बार यह बढ़ोत्तरी अलग-अलग ब्रांड के सरसों तेल पर आठ रूपये से लेकर 17 रुपये तक दर्ज की जा रही है। ऐसे में सरसों तेल की बढ़ी कीमतों ने एक बार फिर से रसोई को चिंता में डाल दिया है।

धनबाद के थोक बाजार की बात करें तो 153 रुपये से 172 रुपये प्रति लीटर की दर पर बिकने वाला सरसों तेल इन दिनों 165 रुपये से लेकर 182 रुपये प्रति लीटर की दर पर बिक रहा है। जबकि खुदारा बाजार में इनकी कीमतों तीन से चार रूपये प्रति लीटर की बढ़त है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि आने वाले दिनों में यह और बढ़ेगा। कृषि बाजार समिति बरवाअड्डा में सरसों तेल का थोक कारोबार करने वाले और कृषि बाजार चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष बिनोद गुप्ता ने बताया कि थोक मंडियों में सरसों 7500 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास बिक रहा है। रेलवे कालोनी में रहने वाल गृहणी अर्पिता ने बताया कि उन्होंने मंगलवार को 195 रुपये प्रति लीटर की दर से सरसों तेल की खरीदारी की है।

कृषि बाजार समिति नहीं जारी कर रही रेट : इधर बीते एक माह से कृषि बाजार समिति की ओर से भी दर जारी नहीं की जा रही है। नतीजतन बाजार में मनमाने ढंग से सरसों तेल की कीमतें वसूल की जा रही हैं। खुदारा बाजार में यह सरसों तेल 180 रुपये से लेकर 195 रुपये प्रति लीटर तक बिक रहा है।

किसान आंदोलन का भी असर : गुप्ता ने बताया कि सरसों का व्यापक पैमाने पर उत्पादन करने वाले किसान आंदोलन पर बैठे हुए हैं। सरकार की दर पर सरसों बेचने को किसान तैयार नहीं हैं। इधर किसानों की ओर से सरसों की बिक्री नहीं किए जाने पर मिल में सरसों की कमी हो गई है। नतीजतन दर में तेजी आ रही है।

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