Ramadan 2021: चांद दिखने के साथ ही आया माह-ए-रमजान, रोजा का दाैर शुरू

इस्लामी कैलेंडर के अनुसार नौवें महीने में रमजान मनाया जाता है। इसे मौसम-ए-बहार या नेकियों का महीना भी कहा गया हैं। रोजा रखने के लिए सूर्योदय से पहले सेहरी खाई जाती है और पूरे दिन ना कुछ खाया जाता है और ना ही पिया जाता है।

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 08:44 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 08:44 AM (IST)
Ramadan 2021: चांद दिखने के साथ ही आया माह-ए-रमजान, रोजा का दाैर शुरू
रमजान महीने में चलेगा रोजा का दाैर ( प्रतीकात्मक फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। रमजान का महीना चांद के दीदार के साथ शुरू होता है। इस साल यह पवित्र महीना 13 अप्रैल को चांद दिखने के साथ ही शुरू हो चुका है। इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक भूखे-प्यासे रहकर अल्लाह की इबादत करते हैं। बुधवार 14 अप्रैल को पहला रोजा है। रोजा रखने वाले पांच वक्त की नमाज भी अदा करेंगे।

इसे नेकियों का महीना भी कहा गया

इस्लामी कैलेंडर के अनुसार नौवें महीने में रमजान मनाया जाता है। इसे मौसम-ए-बहार या नेकियों का महीना भी कहा गया हैं। रोजा रखने के लिए सूर्योदय से पहले सेहरी खाई जाती है और पूरे दिन ना कुछ खाया जाता है और ना ही पिया जाता है। शाम के वक्त सूरज ढलने के बाद मगरिब की आजान होने पर रोजा खोला जाता है, जिसे इफ्तार कहते हैं। इस दौरान सभी मुसलमान भाइयों एक साथ मिलकर रोजा तोड़ने के लिए भोजन करते है।

प्रेम, करुणा व भाईचारे का संदेश देता है रमजान का महीना

शरीफ के दुनिया में रमजान कुरआन नाजिल होने का महीना है। यह महीना इस्लाम के अनुयाईयों को ही नहीं, समूची मानव जाति को प्रेम, करुणा व भाईचारे का संदेश देता है। तथा हमेशा भाईचारे बनाकर रखने की सीख देता है। नफरत व हिंसा से भरे इस दौर में रमजान का संदेश ज्यादा प्रासंगिक हो चला है। मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के मुताबिक रोजा बंदाें को जब्ते नफ्स या आत्मनियंत्रण की सीख भी देता है और उनमें परहेजगारी या आत्मसंयम भी पैदा करता है। बताया गया कि आम तौर पर हमारा जीवन की जरूरतों- भूख, प्यास आदि के ईद गिर्द ही घूमता रहता है। रमजान का महीना दुनिया की हर चीजों पर नियंत्रण रखने की साधना है। जिस रूह को हम साल भर भुलाए रहते हैं, माहे रमजार उसी को पहचानने और जाग्रत करने का आयोजन है। इस साल सभी मुसलमान भाई कोरोना से निजात की प्रार्थना भी करेंगे, ताकि पूरे देश में अमन, चैन, शांति पूर्व की तरह रह सके।

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