जहां-तहां पड़े बिल्डिग मैटेरियल्स से ब्रिक और पेवर्स ब्लाक बनाएगा नगर निगम
भवन निर्माण आवास या किसी भी तरह के निर्माण के बाद लोग बिल्डिग मैटेरियल्स को जहां-तहां फेंक देते हैं। नगर निगम अब जहां-तहां पड़े बिल्डिग मैटेरियल्स का उपयोग करेगा।
धनबाद : भवन निर्माण, आवास या किसी भी तरह के निर्माण के बाद लोग बिल्डिग मैटेरियल्स को जहां-तहां फेंक देते हैं। नगर निगम अब जहां-तहां पड़े बिल्डिग मैटेरियल्स का उपयोग करेगा। इससे काम की चीजें बनेंगी। साथ में गंदगी से भी काफी हद तक बचा जा सकेगा। बिल्डिग मैटेरियल्स से नगर निगम ब्रिक और पेवर्स ब्लाक बनाएगा। इसके लिए चासनाला के जीतपुर में जमीन चिह्नित कर ली गई है। यहां दस करोड़ रुपये की लागत से सीएनडी प्लांट बनेगा।
आर क्यूज एजेंसी इसके लिए डीपीआर बना रही है। ब्रिक और पेवर्स ब्लाक का उत्पादन होने के बाद निगम बाजार भी उपलब्ध कराएगा। निगम से होने वाले टेंडर में इसी प्लांट से ब्रिक और पेवर्स ब्लाक खरीदने की शर्त भी होगी, ताकि इसका उचित मूल्य मिल सके। फिलहाल नगर निगम ने प्रतिवर्ष एक करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य रखा है। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की तर्ज पर नगर निगम सीएनडी यानी कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट प्लांट लगवाएगा। इस प्लांट में मलबे को प्रोसेसिग में लेकर उससे ब्रिक एवं पेवर्स ब्लाक बनाया जाएगा। यह बाजार में बिकेगा। प्रोसेस के बाद बचा सड़क निर्माण में प्रयोग किया जाएगा। पीपीपी मोड में इसके संचालन की बात हो रही है। एजेंसी शहर से मलबा उठाएगी और उससे तैयार सामग्री को बाजार में बेचेगी। शहर से मलबा उठाने के बाद निगम को सफाई में मदद मिलेगी। नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार के अनुसार शहर में कंस्ट्रक्शन और डेमोलिशन से जो मलबा निकलता है, वो नालों में जाकर जाम कर देता है। परिणाम स्वरूप गली-मोहल्ले की सड़कें बरसात में डूब जाती हैं। झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय पदाधिकारी अरुण कुमार चौधरी के अनुसार कंस्ट्रक्शन वेस्ट की धूल हवा में मिलकर आरएसपीएम 2.5 की मात्रा को बढ़ा देती है। बहुत लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है।