75 किमी के दायरे में छोटे शहरों में भी सफाई करेगा नगर निकाय

धनबाद एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले राज्य के सभी नगर निकायों में आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाई गठित होगी। नगर निकाय के 75 किलोमीटर के दायरे में छोटे शहरों को आपातकालीन स्वच्छता व्यवस्था मुहैया कराने की जिम्मेवारी इस इकाई की होगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 06:46 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 06:46 AM (IST)
75 किमी के दायरे में छोटे शहरों में भी सफाई करेगा नगर निकाय
75 किमी के दायरे में छोटे शहरों में भी सफाई करेगा नगर निकाय

धनबाद : एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले राज्य के सभी नगर निकायों में आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाई गठित होगी। नगर निकाय के 75 किलोमीटर के दायरे में छोटे शहरों को आपातकालीन स्वच्छता व्यवस्था मुहैया कराने की जिम्मेवारी इस इकाई की होगी। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार के सचिव दुर्गाशंकर मिश्र के निर्देश के आलोक में नगर विकास विभाग के संयुक्त सचिव रविद्र कुमार मिश्रा ने इसको लेकर रांची, देवघर, धनबाद, आदित्यपुर, मेदनीनगर, हजारीबाग, गिरिडीह, चास और मानगो नगर निगम को पत्र लिखा है। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाई का गठन कर प्रतिवेदन शीघ्र उपलब्ध कराएं। इससे पहले भी इसके गठन की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक किसी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई है। आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाई के स्वच्छता अधिकारी का दायित्व उपायुक्त या नगर आयुक्त की होगी। 16 जनवरी तक हर हाल में इस इकाई का गठन कर जानकारी विभाग को देनी है। आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाई :

आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाई मुख्य रूप से मैनहोल और सीवरेज की सफाई करने वाले स्वच्छता कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपाय मुहैया कराएगी। कई मामलों में श्रमिकों के दम घुटने, खतरनाक गैसों के कारण सांस लेने में समस्या या मृत्यु की सूचना मिलती है। काम के दौरान तत्काल सुरक्षा उपलब्ध कराना जरूरी है। इकाई का नेतृत्व उपायुक्त या नगर आयुक्त करेंगे। इसके सलाहकार बोर्ड में अन्य नागरिक अधिकारी होंगे, जो सफाई उद्देश्यों के लिए मैनहोल में प्रवेश करने वाले श्रमिकों के मानक संचालन प्रक्रिया यानी एसओपी तय करेंगे। नगर निगम को इसके लिए एक टोल फ्री नंबर भी जारी करना होगा। इकाई स्वच्छता कर्मचारियों को प्रशिक्षण देगी। इस इकाई से प्रशिक्षित एवं प्रमाणित श्रमिक ही सीवर की सफाई करने के लिए पात्र होंगे। इसके अलावा इस तरह के काम को करने के लिए मशीनों के उपयोग करने को प्राथमिकता दी जाएगी। यदि किसी कर्मचारी की सीवर की सफाई करते समय मौत हो जाती है, तो नगर निगम इसकी जांच कर पुलिस में शिकायत दर्ज कराएगा।

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