Republic Day 2021: हेमंत सरकार का मुखियाजी को झटका, पंचायतों में पंचायत सचिव करेंगे ध्वजारोहण

चूंकि जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इस वजह से पंचायतों का विघटन हो गया है। समय पर चुनाव नहीं होने के कारण तत्कालीन दैनिक कार्य के संपादन के लिए कार्यकारी समिति का गठन किया गया है।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 09:49 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 09:49 PM (IST)
Republic Day 2021: हेमंत सरकार का मुखियाजी को झटका, पंचायतों में पंचायत सचिव करेंगे ध्वजारोहण
गणतंत्र दिवस से ठीक पहले झारखंड सरकार से पंचायतों के मुखियाओं को झटका लगा है।

बोकारो, जेएनएन। गणतंत्र दिवस पर पंचायत सचिवालयों में ध्वजारोहण की तैयारी में लगे झारखंड भर के मुखिया को जोर का झटका लगा है। मुखिया ध्वजारोहण नहीं कर पाएंगे। मुखिया के स्थान पर पंचायतों में पंचायत सचिव ध्वजारोहण करेंगे। इसी तरह जिला परिषद में भी चेयरमैन ध्वजारोहण नहीं करेंगे। इनके स्थान पर उप विकास आयुक्त ध्वजारोहण करेंगे। झारखंड सरकार के फैसले से मुखिया, ब्लॉक प्रमुख और जिला परिषद चेयरमैनों की तैयारी धरी की धरी रह गई है। 

10 वर्ष बाद पहली बार पंचायत भवनों में मुखिया नहीं करेंगे ध्वजारोहण 

गणतंत्र दिवस के मौके पर दस वर्ष बाद पंचायती राज संस्थाओं के विघटन के बाद पहली बार पंचायती राज संस्थाओं के प्रमुख ध्वजारोहण नहीं कर सकेंगे। इस संबंध में सरकार के अपर सचिव सुरेश कुमार दास ने सभी उपायुक्तों को पत्र भेजकर स्थिति को स्पष्ट किया। भेजे गए पत्र में कहा है कि चूंकि जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इस वजह से पंचायतों का विघटन हो गया है। समय पर चुनाव नहीं होने के कारण तत्कालीन दैनिक कार्य के संपादन के लिए कार्यकारी समिति का गठन किया गया है। इसलिए ध्वजारोहण का कार्य जिला परिषद कार्यालय पर संबंधित जिले के उप विकास आयुक्त, प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा पंचायत स्तर पर पंचायत सचिव करेंगे। इस आदेश के साथ जिले के 249 पंचायत, 9 प्रखंड तथा जिला परिषद कार्यालय पर संबंधित कार्यालय के कार्यालय प्रमुख ध्वजारोहण करेंगे।

क्या है मामला

त्रिस्तरीय पंचायत के निर्वाचित पदाधिकारियों का कार्यकाल जनवरी में ही समाप्त हो चुका है। कोरोना के कारण पंचायत चुनाव स्थगित होने के कारण ऐसा हुआ है। पंचायत चुनाव स्थगित होने के बाद झारखंड सरकार ने निर्वाचित प्रतिनिधियों को खुश करने के लिए कार्यकारी समिति का गठन कर अधिकार दिया था। लेकिन अब सरकार के ताजा फैसले से झटका लगा है।

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