मां व एएनएम की दोहरी भूमिका को निभा कोरोना काल में लोगों की कर रहीं सेवा

झरिया वैश्विक महामारी कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है। इस विषम परिस्थिति में ऐसी कई महिलाएं मां व एएनएम की दोहरी भूमिका निभाते हुए अपने बच्चों व परिवार की ठीक से देखभाल करते हुए अस्पतालों में घंटों लोगों की सेवा कर मिशाल पेश कर रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 06:09 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 06:09 AM (IST)
मां व एएनएम की दोहरी भूमिका को निभा कोरोना काल में लोगों की कर रहीं सेवा
मां व एएनएम की दोहरी भूमिका को निभा कोरोना काल में लोगों की कर रहीं सेवा

गोविंद नाथ शर्मा, झरिया : वैश्विक महामारी कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है। इस विषम परिस्थिति में ऐसी कई महिलाएं मां व एएनएम की दोहरी भूमिका निभाते हुए अपने बच्चों व परिवार की ठीक से देखभाल करते हुए अस्पतालों में घंटों लोगों की सेवा कर मिशाल पेश कर रही हैं। लोगों की सेवा ही इनके लिए पहला कर्तव्य है। इन्हीं एएनएम मां में एक हैं डांगेपाड़ा की मंजू कुमारी। एक 14 साल के बेटे की मां मंजू 17 सालों से लोगों की सेवा में जुटी हैं। मंजू कहती हैं कि मेरे लिए लोगों की सेवा पहले व परिवार बाद में है। किस्मत वालों को ही लोगों की सेवा करने का मौका मिलता है। कोरोना काल में लोगों की सेवा कर बहुत अच्छा लगता है। हर दिन लोगों को वैक्सीन लगाना, कोरोना की जांच करना, महामारी से बचने के लिए जागरुक करते हैं।

नर्सिग सेवा का संकल्प ही मेरी प्राथमिकता :

प्रधानखंता निवासी एएनएम मां रीता सिंह भी 11 साल के बेटे का ठीक से पालन-पोषण कर हर दिन लोगों की सेवा में जुटी हुई हैं। रीता कहती हैं कि इस महामारी में सभी लोग काफी डरे हुए हैं। उन्हें समझाने, महामारी के प्रति जागरुक करने के अलावा हर दिन उनकी कोरोना जांच व वैक्सीन देने का काम करते हैं। कहा कि अस्पताल से आने के बाद ठीक से स्नान व सैनिटाइज करने के बाद भी बेटे व परिवार के साथ रहते हैं। डर भी लगा रहता है। लेकिन नर्सिंग सेवा में आने के समय हमें दिलाए गए संकल्प को याद कर लोगों की सेवा को ही हम प्राथमिकता देते हैं। खतरा तो है, पर जिम्मेदारी अहम है :

खेतटांड़ की मंजू टुडू के दो जुड़वा बच्चे साढ़े तीन साल के हैं। दोनों बच्चों को ठीक से संभालने के बाद कोरोना काल में लोगों की सेवा करने में जुटी हैं। मंजू का कहना है कि वैश्विक महामारी कोरोना काल में हमलोगों की जिम्मेवारी अहम हो गई है। अपने कर्तव्य का पालन करते हुए ड्यूटी में हमेशा आगे रहते हैं। झरिया की सहिया सोनल सोलंकी भी वैश्विक महामारी कोरोना काल में अपनी एक 15 वर्षीय बेटी का ठीक से पालन करते हुए सुरक्षा के साथ लोगों को कोराना जांच व वैक्सीनेशन के लिए हर दिन प्रेरित कर रहीं हैं। सोनल का कहना है कि खुद व परिवार को सुरक्षित रखते हुए लोगों की सेवा में जुटे हैं। अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं।

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