सीएमपीएफ पीएफ पेंशन फंड में जमा से अधिक हो रही निकासी Dhanbad News
कोयला खान भविष्य निधि संगठन से पीएफ व पेंशन मद में जमा राशि से अधिक का भुगतान हर माह किया जा रहा है। भले ही सीएमपीएफ मद से पेंशन व पीएफ की राशि जमा होने से अधिक की निकासी हो रही है।
आशीष अंबष्ठ, धनबाद: कोयला खान भविष्य निधि संगठन से पीएफ व पेंशन मद में जमा राशि से अधिक का भुगतान हर माह किया जा रहा है। भले ही सीएमपीएफ मद से पेंशन व पीएफ की राशि जमा होने से अधिक की निकासी हो रही हो, लेकिन कोयला श्रमिकों को फिलहाल चिंता करने की जरूरत नहीं है।
सीएमपीएफ की रिपोर्ट की माने तो सीएमपीएफ के पेंशन व पीएफ मद में कुल कार्पस फंड 1.2 लाख करोड़ रुपया जमा है। जबकि कुल होल्डिंग फंड 1 लाख 10 हजार 114 करोड़ जमा है। कोयला मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट के बाद सीएमपीएफ प्रबंधन को इस पर गंभीरता से मंथन करने का कोयला सचिव से निर्देश मिला है। वैसे जो फिलहाल फंड की स्थिति है उससे पांच साल तक किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आने वाली।
बढ़ रहा है पेंशनरों की संख्या
कोयला मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया कि पेंशनरों की संख्या 5.63 लाख, जबकि पीएफ अंशदान करने वालों की संख्या 3.99 लाख है। लगातार पेंशनरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पेंशन फंड में 31 मार्च तक आडिट में कार्पस फंड के रूप में 15601 करोड़ की राशि जमा है। इस फंड को मजबूत करने की दिशा में अध्ययन के लिए टीम गठित की गई है। ठेका मजदूरों का सीएमपीएफ अकाउंट खोलने की दिशा में तेजी लाने के लिए कहा गया है। अब तक करीब 78 हजार ही पीएफ अकाउंट खोला गया। अंशदान की संख्या बढ़ाने को लेकर भी मंथन किया जा रहा है।
60 फीसीद राशि यूटीआइ के पास जमा
सीएमपीएफ की कुल जमा राशि का फंड मैनेजर यूटीआइ व एसबीआइ फंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के पास है। यूटीआइ के पास 60 फीसदी व 40 फीसदी राशि एसबीआइ के पास है।
केंद्र सरकार से अंशदान में नहीं हो रही बढ़ोत्तरी
सीएमपीएफ की ओर से केंद्र सरकार को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि अभी 1600 रुपया के बेसिक पर 26.56 पैसा दे रही है। जबकि केंद्र सरकार ईपीएफओ पर 16000 रुपया पर अपना अंशदान दे रही है। अगर बढ़े हुए बेसिक पर अंशदान देगी तो पीएफ फंड को मजबूती मिलेगी।
इन कंपनियों के कर्मी है
सीएमपीएफ के सदस्य
कोल इंडिया, सिंग्रेनीज कोलियरीज, टाट आयरन एंड स्टील, जिदंल पावर , प्रोजेक्ट, जम्मू कश्मीर मिनरल लिमिटेड जम्मू व अन्य कोयला कंपनियां शामिल है।
वर्जन
फिलहाल फंड को लेकर चार - पांच साल तक कोई परेशानी नहीं होने वाली है। फंड को कैसे मजबूत किया जाए इसको लेकर लगातार कोयला मंत्रालय, कोल इंडिया सहित अन्य कोयला कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। जमा पूंजी मजबूत है और मजबूत करने की दिशा में कोयला पर प्रतिटन दस रुपया जमा होगा।
अनिमेष भारती, आयुक्त व कोयला मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार