Dhanbad: बच्चों के लिए इंटरनेट पर सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बनाया जाएगा मॉडल
इंटरनेट हमारी दुनिया बन गई है। बच्चे युवाबूढ़े सभी इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। कोरोना काउंट के बाद बच्चे काफी तेजी से इंटरनेट के साथ जुड़े हैं। ऑनलाइन क्लास व मोबाइल गेम के चलते बच्चे काफी समय इंटरनेट पर ही बीता रहे है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: इंटरनेट हमारी दुनिया बन गई है। बच्चे, युवा,बूढ़े सभी इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। कोरोना काउंट के बाद बच्चे काफी तेजी से इंटरनेट के साथ जुड़े हैं। ऑनलाइन क्लास व मोबाइल गेम के चलते बच्चे काफी समय इंटरनेट पर ही बीता रहे है। इससे बच्चों के मानसिक स्तर पर कितना असर पड़ रहा है और उन्हें कैसे बचाया जाए इसकी तैयारी अब शुरू कर दी गई है। फ्लेयर नामक एनजीओ को फिलहाल इसका सर्वे कर बच्चों को बचाने की जिम्मेदारी दी गई है। बोकारो जिला प्रशासन ने यह पहल शुरू की है और अब धनबाद जिला प्रशासन से भी इस एनजीओ की बातचीत चल रही है।
इंटरनेट गेमिंग पहुंचा रहा है बच्चों को नुकसान: फलेर एनजीओ( फोरम फॉर लर्निंग एंड एक्शन विद इनोवेशन एंड रिगोर) के संस्थापक अजय कुमार ने बताया कि इंटरनेट गेमिंग सबसे ज्यादा बच्चों को नुकसान पहुंचा रहा है। बोकारो में 1000 बच्चों के ऊपर सर्वे किया गया था जिसमें पता चला की बच्चों की स्क्रीन टाइमिंग मैं काफी वृद्धि हुई है। ज्यादातर बच्चे इंटरनेट गेमिंग पर ही अपना समय बिता रहे है। इसके अलावा पोर्न साइट पर भी बच्चे बार-बार क्लिक कर रहे हैं। इससे बच्चों के दिमाग पर तेजी से असर पड़ रहा है।
मां बाप को रखना होगा ध्यान: अजय कुमार ने बताया कि अगर उन्हें अपने बच्चों को इस वक्त बचाना है तो उन्हें उनके मोबाइल पर ध्यान रखना ही होगा। क्लासेस के बाद उन्हें एक निश्चित समय के लिए ही मोबाइल दें ताकि वह दिन भर ऑनलाइन गेमिंग में ना फंसे रहे। ऑनलाइन गेमिंग के चलते सुसाइड का भी मामला देखा जा रहा है। इससे हमारी युवा पीढ़ी पर काफी असर पड़ेगा।