अब मोबाइल एप्लीकेशन बताएगा MDM मेंं कितना क्विंटल बचा है अनाज Dhanbad News

स्कूल में बच्चों के लिए कितना अनाज बचा हुआ है। आज कितने बच्चों ने खाना खाया। बच्चों को कुकिंग कॉस्ट की राशि मिली या नहीं। उसकी वस्तुस्थिति क्या है आदि सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम) से जुड़ी तमाम चीजों की निगरानी अब मोबाइल फोन से होगी।

By Atul SinghEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 05:08 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 05:08 PM (IST)
अब मोबाइल एप्लीकेशन बताएगा MDM मेंं  कितना क्विंटल बचा है अनाज Dhanbad News
स्कूल में बच्चों के लिए कितना अनाज बचा हुआ है। आज कितने बच्चों ने खाना खाया। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

धनबाद, जेएनएन: स्कूल में बच्चों के लिए कितना अनाज बचा हुआ है। आज कितने बच्चों ने खाना खाया। बच्चों को कुकिंग कॉस्ट की राशि मिली या नहीं। उसकी वस्तुस्थिति क्या है आदि सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम) से जुड़ी तमाम चीजों की निगरानी अब मोबाइल फोन से होगी।

शिक्षकों को हर दिन का ब्यौरा जैसे स्कूल में कितना अनाज बचा हुआ है कितना खर्च हुआ। कितने बच्चों ने एमडीएम किया आदि सभी चीजों की जानकारी मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए मध्याहन भोजन योजना प्राधिकरण को देना होगा। मध्याहन भोजन योजना प्राधिकरण की आरे से इसके लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन तैयार किया गया है।

यह योजना प्रयोग के रूप में जल्द ही पूरे प्रदेश में लागू हो जाएगी। इसके लिए मध्याहन भोजन योजना प्राधिकरण की ओर से पत्र जारी किया गया है। जारी पत्र में राज्य परियोजना निदेशक ने कहा है कि ई-विद्यावाहिनी के तहत मध्याहन भोजन योजना के सफल संचालन एवं अनुश्रवण के लिए प्राधिकरण से विमर्श एवं प्राप्त सुझावों को समाहित करते हुए मोबाइल अप्लीकेशन तैयार किया है।

जिसके बाद अब इस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सूखा खाद्यान्न का वितरण, कुकिंग काॅस्ट राशि का वितरण, फूड पैकेट वितरण का भी छात्रावार मॉनीटरिंग किया जा सकेगा। मोबाइल एप्लीकेशन के सफल संचालन के लिए मध्याहन भोजन योजना प्राधिकरण के पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। अब इस एप्लीकेशन को विद्यालयों में शुरू कराया जा सकता है।

इस योजना के तहत शिक्षा विभाग मोबाइल से एमडीएम योजना की मॉनीटरिंग करेगा। सभी मैसेज खास कोडवर्ड में करने होंगे। स्कूलों में एमडीएम का काम देखने वाले शिक्षकों को रोज रिपोर्ट एसएमएस करनी होगी। उसके बाद कोड अंक दर्ज होगा। जिसके बाद अब एमडीएम योजना की मॉनिटरिंग करना आसान हो जाएगा।

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