एलीफेंट जोन बनाने को 50 एकड़ भूमि चिह्नित, महिला को हाथी ने कुचला तो विधायक ने फिर उठाई आवाज
हाथियों के इस उत्पात को रोकने लिए टुडी विधायक सह पूर्व मंत्री मथुरा प्रसाद महतो ने धनबाद गिरीडीह दुमका हजारीबाग कोडरमा को मिलाकर एलीफेंट जोन बनाने की मांग सरकार से की है। उनकी इस मांग पर जमीन चिह्नित तो की गई लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
जागरण संवाददाता, धनबाद: जिले के टुंडी, तोपचांची के अलावा गिरीडीह के इलाकों में लगातार हाथियों का उत्पात सामने आ रहा है। ग्रामीणों को घरों को तोड़ने और जान-माल की क्षति पहुंचाने को लेकर कई घटनाएं घट चुकी हैं। हाथियों के इस उत्पात को रोकने लिए टुडी विधायक सह पूर्व मंत्री मथुरा प्रसाद महतो ने धनबाद, गिरीडीह, दुमका, हजारीबाग, कोडरमा को मिलाकर एलीफेंट जोन बनाने की मांग सरकार से की है। उनकी इस मांग पर जमीन चिह्नित तो की गई, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
गुरुवार को टुंडी के मनियाडीह इलाके में हाथी के कुचलने से महिला की हुई मौत की घटना सामने आने के बाद विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने एक बार फिर से अपनी मांग दुहराई है। उन्होंने कहा कि बीते कुछ सालों से टुंडी के इलाकों में हाथियों की मौजूदगी अधिक देखी गई है। ये जंगली हाथी ग्रामीणों के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एलीफेंट जोन बनाने के लिए 50 एकड़ जमीन चिह्नित करने का काम किया गया है, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय राज्य सरकार को लेना है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस पर जल्द निर्णय नहीं लेती है तो आने वाले दिनों में ग्रामीणों को और अधिक परेशानी होगी।
मशालची करते अपना काम: जंगली हाथियों को रोकने के लिए प्रत्येक जिला में मशालची रखे गए हैं। हाथियों के आने पर हर जिला के मशालची अपना काम करते हैं, नतीजतन हाथी एक जिला से दूसरे जिला और दूसरे से तीसरे जिला आते जाते रहते हैं। अंतत: इनका आना जाना इन्हीं इलाकों में होता रहता है। ऐसे में बार-बार हाथी या इनका झुंड आवासीय क्षेत्रों में आ रहा है। विधायक महतो ने कहा कि हाथियों को रोकने के लिए एक निश्चित व्यवस्था होनी चाहिए।