झारखंड विधानसभा में उठा झरिया की आग का मुद्दा, पूर्णिमा ने प्रभावितों के लिए मांगा मुआवजा

झरिया कोयलांचल में 100 वर्ष से भी ज्यादा समय से भूमिगत आग है। यह आग धरती के नीचे कोयले में लगी हुई है। पूरा इलाका खतरनाक हो चुका है। लोगों के पुनर्वास के लिए झरिया मास्टर प्लान भी बनाया गया है।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 03:53 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 03:53 PM (IST)
झारखंड विधानसभा में उठा झरिया की आग का मुद्दा, पूर्णिमा ने प्रभावितों के लिए मांगा मुआवजा
झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ( फाइल फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। आग एवं भू-धंसान प्रभावित झरिया में आए दिन घटनाएं घट रही हैं। फायर एरिया में धरती फटती और उसकी चपेट में आने वाले अकाल माैत का शिकार होते हैं। इन घटनाओं के बाद प्रभावितों को राज्य सरकार और कोयला कंपनी बीसीसीएल की तरफ से मुआवजा और नियोजन नहीं मिल पाता है। इस मामले को लेकर झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह मुखर हैं। गुरुवार को उन्होंने झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के शून्य काल में झरिया में भू-धंसान के दाैरान मारे गए लोगों को मुद्दा उठाया।

आज शून्य काल में झरिया के अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में झारखंड गठन से वर्तमान तक मृत्यु या दुर्घटना प्रभावित लोगों को आपदा के तहत सरकारी मुआवजा और आश्रित अनाथ बच्चों की पढ़ाई और नौकरी का प्रावधान करने की मांग सरकार के समक्ष रखी। pic.twitter.com/Wz7LCBNK1n

— Purnima Niraj Singh (@purnimaasingh) March 4, 2021

झरिया कोयलांचल में 100 वर्ष से भी ज्यादा समय से भूमिगत आग है। यह आग धरती के नीचे कोयले में लगी हुई है। पूरा इलाका खतरनाक हो चुका है। लोगों के पुनर्वास के लिए झरिया मास्टर प्लान भी बनाया गया है। लेकिन मास्टर प्लान में रोजगार का प्रावधान नहीं होने के कारण लोग इलाके जाना नहीं चाहते हैं। वह खतरे के बीच जीवन-यापन कर रहे हैं। नतीजतन हादसे का शिकार होते हैं। हाल ही में घनुडीह मल्लाह बस्ती में भू-धंसान होने से एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। 

कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने गुरुवार को विधानसभा में शून्यकाल के दाैरान आग एवं भू-धंसान प्रभावितों का मुद्दा उठाया। उन्होंने झारखंड गठन के बाद से अब मृत या दुर्घटना प्रभावित लोगों को आपदा राहत के तहत सरकारी मुआवजा और नाैकरी देने की मांग की। 

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