सिविल निर्माण में निबंधित संवेदक और ठेकेदारों को खनन विभाग ने चेताया; डीलर्स लाइसेंस ले लें वरना नपेंगे Dhanbad News
जिले में राज्य सरकार केंद्र सरकार और निजी कंपनियों के सिविल निर्माण में निबंधित एवं कार्यरत संवेदक तथा नगर निगम और झमाडा में निबंधित बिल्डरों को डीलर लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। लाइसेंस नहीं लेने पर राज्य सरकार की ओर से उन संवेदक को और बिल्डरों पर कानूनी
धनबाद, जेएनएन : जिले में राज्य सरकार, केंद्र सरकार और निजी कंपनियों के सिविल निर्माण में निबंधित एवं कार्यरत संवेदक तथा नगर निगम और झमाडा में निबंधित बिल्डरों को डीलर लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। लाइसेंस नहीं लेने पर राज्य सरकार की ओर से उन संवेदक को और बिल्डरों पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया। इस संबंध में सरकार के सचिव खान एवं भूतत्व विभाग की ओर से धनबाद समेत राज्य के सभी जिला खनन पदाधिकारियों को निर्देश जारी कर अनुपालन सुनिश्चित करने की बात कही गई है।
जिला खनन पदाधिकारी की ओर से नियमावली एवं विभागीय सचिव के निर्देशानुसार सभी कार्यपालक अभियंता, नगर आयुक्त, झमाडा वगैरह को पत्र लिखकर इसका अनुपालन कराने की बात कही गई है। कहा गया है कि वैसे संवेदक का विवरण कार्य का नाम उपलब्ध कराया जाए जिनका निर्माण कार्य 10000 घनफुट पत्थर एवं 15000 घनफुट बालू से अधिक मात्रा में खनिज का उपयोग किया जाना है। यानी सरकार की ओर से छोटे संवेदकों को डीलर्स निबंधन में छूट दिया गया है क्योंकि उनके कार्य करने की समय अवधि कम होती है।
सरकार के इस आदेश के संबंध में जिला खनन पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि कई जिलों में संगठनों एवं बिल्डरों की ओर से अनुपालन किया जा रहा है। धनबाद में भी दारोगा प्रधान, शिवालय कंस्ट्रक्शन जैसी कंपनियां इसका अनुपालन कर रही हैं। डीलर निबंधन प्राप्त करने से लघु खनिजों के क्रय-विक्रय व परिवहन में पारदर्शिता बनी रहेगी।
खनन राजस्व को क्षति को रोका जा सकता है ताकि अवैध खनन पर भी रोक लगेगी। उन्होंने बताया कि दैनिक समाचार पत्रों में सूचना प्रकाशित करने के साथ ही सभी संबंधित पदाधिकारियों को पत्र भी लिखा गया है। अनुपालन नहीं किए जाने पर संबंधित लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।