खनन विभाग ने दिया ओएनजीसी को बीस साल के लिए जमीन लीज; झरिया में 23 बिलियन क्यूबिक मीटर मिथेन गैस का भंडार
मेसर्स आयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन लिमिटेड व कोल इंडिया की संयुक्त हिस्सेदारी के साथ कोल बेड मिथेन (सीबीएम) प्रोजेक्ट पर झरिया मुनीडीह क्षेत्र कार्य शुरू कर दिया गया है। ओएनजीसी को खनन विभाग से पेट्रोलियम माइनिंग लीज मिल गई है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: मेसर्स आयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन लिमिटेड व कोल इंडिया की संयुक्त हिस्सेदारी के साथ कोल बेड मिथेन (सीबीएम) प्रोजेक्ट पर झरिया मुनीडीह क्षेत्र कार्य शुरू कर दिया गया है। ओएनजीसी को खनन विभाग से पेट्रोलियम माइनिंग लीज मिल गई है।
पेट्रोलियम माइनिंग लीज के तहत ओएनजीसी को खनन विभाग झारखंड सरकार के पास 8 लाख राशि जमा करनी है। ओएनजीसी ने बोकारो में 39.48 तथा धनबाद जिले में 28. 12 वर्ग किलोमीटर में सीबीएम प्रोजेक्ट लगाएगी। इसी के तहत खनन विभाग से लीज लिया है।
लेकिन खनन विभाग ने कार्य शुरू करने के पहले ओएनजीसी को कार्य योजना से संबंधित रिपोर्ट तलब की है। खनन विभाग ने 37 गाइडलाइन के साथ स्पष्ट रूप से कहा है कि कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए । साथ ही कार्यस्थल अगर रैयतों की है तो उन्हें उचित मुआवजा मिले। और रैयत कि कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए ।
झारखंड सरकार के संयुक्त सचिव आनंद मोहन ठाकुर ने लीज की अनुमति प्रदान की है। यह स्वीकृति 9 जुलाई 2013 के आवेदन पर ओएनजीसी को दी गई है। यह लीज 20 साल के लिए दी गई है।
मालूम हो कि झरिया में 23 बिलियन क्यूबिक मीटर व बोकारो 23 बिलियन क्यूबिक मीटर मिथेन गैस का भंडार है। जिला खनन पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन के तहत उन्हें राशि जमा करनी है। ताकि किसी तरह प्रकार के विवाद होने या अन्य समस्या उत्पन्न होने पर यह राशि सरकार के पास जमा रहे। उन्होंने कहा कि खनन विभाग की टीम लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं। जिलों को मिलाकर निजी दिया गया है। सबसे अधिक लीज होल्ड एरिया बोकारो जिला में पड़ता है और यह परियोजना दोनों जिला के सीमा पर है।
- बोकारो 23 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस