लिलोरी स्थान जहां कोरोना संक्रमण की नो एंट्री

संवाद सहयोगी राजगंज कोरोना का कहर के बीच शादी विवाह हो रहा है। लोग संक्रमण से सहम

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 08:30 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 08:30 PM (IST)
लिलोरी स्थान जहां कोरोना संक्रमण की नो एंट्री
लिलोरी स्थान जहां कोरोना संक्रमण की नो एंट्री

संवाद सहयोगी, राजगंज: कोरोना का कहर के बीच शादी विवाह हो रहा है। लोग संक्रमण से सहमे हुए हैं। ऐसे में प्रकृति की गोद में बसा गंगापुर स्थित लिलोरी मंदिर विवाह के लिए सुरक्षित स्थल बना हुआ है। चारों ओर पहाड़ों एवं प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा यह मंदिर कोरोना से बचने को एक सेफ जोन है। ऐसा नहीं है कि यहां के लोग सिर्फ प्रकृति के भरोसे हैं। खुद भी कोविड नियमों का गंभीरता से पालन करते हैं। वर-वधू से भी नियमों का पालन करवाते हैं। यही कारण है कि यहां के लोग कोरोना से अबतक बचे हुए हैं।

शुद्ध वातावरण के बीच खुले आसमान में विवाह की सभी रस्म पूरी कर आचार्य शादी करवा रहे हैं। कोविड गाइडलाइन का पूरा पालन भी किया जा रहा है। शनिवार को रणटांड़ गांव निवासी लक्ष्मी कुमारी ईसरी के युवक परिणय सूत्र में बंधे। लड़की पक्ष दुल्हन को लेकर सुबह 11 बजे मंदिर परिसर पहुंच गए। मंदिर परिसर पहुंचते ही रिश्तेदार शारीरिक दूरी बनाकर चबूतरा में बैठ गए। कोई मास्क तो कोई गमछा से पूरी तरह मुंह ढंके हुए थे। इतना ही नहीं, वैवाहिक रस्म के दौरान दुल्हन सहित अन्य ने मास्क का इस्तेमाल किया। शारीरिक दूरी बनाकर महिलाएं दुल्हन के बगल वैवाहिक विधि को पूरा किया। जो समाज के लिए एक स्वस्थ संदेश देने के लिए काफी है। परिजनों ने कहा कि संक्रमण तेजी से फैल रहा है। अन्य मंदिरों में भीड़ काफी होगी। इसी वजह से गंगापुर में विवाह के लिए पहुंचे हैं। यहां कोरोना का खतरा नहीं है। इसके बावजूद सभी मास्क के साथ शारीरिक दूरी बनाकर विवाह कराई जा रही है। मंदिर के आचार्य उदय तिवारी ने कहा कि मई माह में करीब 10 जोड़े की शादी यहां कराई गई। इसमें राजगंज से तीन, रणटांड़ से एक, गिरिडीह जिला सीमावर्ती इलाका हरलाडीह एवं इसके आसपास से करीब 6 शामिल है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग जागरूक है। किसी को बोलने की आवश्यकता नही पड़ती है। शांतिपूर्वक विवाह संपन्न होने के बाद अपने गंतव्य स्थान की ओर चले जा रहे है।

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