सरकार की ओर से जरूरतमंद लोगों के लिए चलाई जा रही कई कल्याणकारी योजनाएं Dhanbad News
सरकार की ओर से जरूरतमंद लोगों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है परंतु कोलकमारडीह गांव के पांच भाई बहनों का परिवार व्यवस्था से रहा जूझते हुए जंगल से पत्ते चुनकर परिवार चलाने को मजबूर हैं। चार माह पहले ही माता-पिता का हो चुका है देहांत।
पूर्वी टुण्डी, जेएनएन: सरकार की ओर से जरूरतमंद लोगों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है परंतु कोलकमारडीह गांव के पांच भाई बहनों का परिवार व्यवस्था से रहा जूझते हुए जंगल से पत्ते चुनकर परिवार चलाने को मजबूर हैं।
चार माह पहले ही माता-पिता का हो चुका है देहांत। प्रखंड के चुरुरिया पंचायत अंतर्गत कोलकमारडीह गांव में ग़रीबी से जूझ रहे पांच भाई बहनों के परिवार से माता-पिता का साया उठ जाने से परिवार के भरण-पोषण का भार बड़ी बहन बादोली कुमारी के कंधों पर आ गया है। सरकारी सुविधा के नाम पर परिवार को अभी तक उज्जवला योजना के तहत मिलने वाला निःशुल्क गैस कनेक्शन भी नहीं मिला है।
परिवार आवास योजना के लाभ से भी अब तक वंचित हैं। जबकि परिवार के पास बीपीएल का राशन कार्ड है। परिवार में सबसे बड़ी बहन बादोली कुमारी बताती है कि उसके पिता टीकाराम सोरेन का देहांत पिछले वर्ष सितंबर महीने में हो गया पिता के देहांत से पूरा परिवार टूट गया अभी परिवार पिता के देहांत से उबरा भी नहीं था कि उसी सदमे में मां बिनोदीका मंझियांन का देहांत नवंबर महीने में हो गया माता पिता के देहांत से हम सब पांचों भाई बहन पूरी तरह अनाथ महसूस करने लगे बड़ी बहन होने के नाते परिवार को चलाने की जिम्मेवारी आन पड़ी इसलिए अपने भाई बहन के साथ जंगल जाकर साल पत्ता चुनकर लाते हैं और उसी पत्ते से पत्तल बनाकर धनबाद के बाजार में जाकर बेच आते हैं जो पैसे मिलते हैं उसी से परिवार का गुजर बसर चलता है। सरकारी सुविधा के नाम पर पीडीएस का चावल मिलता है। सरकारी योजना के तहत घर के लिए बनवाया गया शौचालय भी अभी तक बनकर पूरा नहीं हुआ।
इस संबंध में पंचायत प्रधान गीता देवी ने बताया कि पीड़ित परिवार के पिता टीकाराम सोरेन का वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृत करा दिया गया था परंतु पीआईडी नम्बर नही मिलने के कारण पेंशन मिलना शुरू नहीं हो सका था। उज्जवला योजना के लाभ के लिए परिवार ने अभी तक आवेदन नहीं दिया है आवेदन मिलते ही सुविधा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। परिवार को शौचालय निर्माण कार्य पूरा करा दिया गया है।