कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए गुड न्यूज; BCCL, MPL, HURL, ACC, DVC, TATA समेत कई कंपनियां मदद को तैयार

टाटा स्टील झरिया डिविजन के महाप्रबंधक संजय राजोरिया ने कहां की ऐसे बच्चों के 12वीं तक की पढ़ाई का खर्च कंपनी वहन करेगी। साथ ही उन्हें स्कूल ड्रेस किताब के अलावा बच्चों की रुचि के अनुसार उनका कौशल विकास करेगी। सक्षम हो जाने पर बच्चों को बाहर भी भेजेगी।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 07:58 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 08:11 PM (IST)
कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए गुड न्यूज; BCCL, MPL, HURL, ACC, DVC, TATA समेत कई कंपनियां मदद को तैयार
कोरोना काल में बड़ी संख्या में बच्चे हुए अनाथ ( सांकेतिक फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। वैश्विक महामारी की दूसरी घातक लहर में अपने माता-पिता की छत्र छाया गुमाने वाले बच्चों के उत्थान के लिए भारत कोकिंग कोल लिमिटेड, हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड, एससीसी, मैथन पावर लिमिटेड, टाटा स्टील, डीवीसी ने उपायुक्त सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद, उमा शंकर सिंह के आग्रह पर वैसे बच्चों के उत्थान के लिए भरपूर सहयोग प्रदान करने का संकल्प लिया है। धनबाद सर्किट हाउस स्थित कोविड कंट्रोल रूम से उपायुक्त ने कोरोना संक्रमण के कारण प्रभावित परिवारों को संबल साथी योजना के तहत लाभान्वित करने तथा उनको त्वरित एवं दूरगामी सहायता प्रदान करने के लिए ऑनलाइन बैठक की।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकारी ने मदद के लिए की पहल

उपायुक्त ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में कई परिवारों के मुखिया का निधन होने से परिवार प्रभावित हुए हैं। उनके सामने जीविकापार्जन का कोई रास्ता नहीं बचा है। ऐसे प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद ने एक छोटा प्रयास शुरू किया है। प्रभावित परिवारों को त्वरित सहायता देने के लिए राशन एवं सामाजिक सुरक्षा का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है। दूरगामी सहायता के अंतर्गत परिवार के बच्चों व अन्य सदस्यों को प्रशिक्षित करते हुए उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। शुरुआत में लगभग 150 परिवारों को राशन उपलब्ध करा कर एक छोटी मदद पेश की गई। 

अब तक के सर्वे के अनुसार धनबाद में 22 अनाथ बच्चे

सर्वे के दौरान 22 प्रभावित बच्चों की सूची प्राप्त हुई है। इन बच्चों ने अपने माता-पिता या घर के मुखिया को कोरोना के कारण खो दिया है। उनके सामने अब जीविकापार्जन का कोई रास्ता नहीं बचा है। इन बच्चों का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराना है। ऐसे बच्चे आज किसी की शरण में या अपने घर में हैं। शिक्षा और कौशल विकास से ही इन्हें मुख्यधारा में शामिल करना संभव हो सकता है। उपायुक्त की बातों को सुनकर बैठक में उपस्थित भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के निदेशक एम.वी.के. राव ने कहा कि बीसीसीएल सभी 22 बच्चों के पढ़ाई का खर्च वहन करेगी। पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों का कौशल विकास कराने में सहायता करेगा। प्रभावित परिवारों को संबल साथी योजना के तहत किट प्रदान करने के लिए भी बीसीसीएल तैयार रहेगा।

HURL ने प्रस्ताव पर जताई सहमति

हर्ल के महाप्रबंधक हिम्मत सिंह चौहान ने कहा कि उपायुक्त ने जो आग्रह किया है उसका पालन करेंगे। प्रभावित बच्चों को दीर्घकालिक रिहैबिलिटेशन के तहत तैयार कर उन्हें आउटसोर्सिंग में रोजगार उपलब्ध कराएंगे। बैठक में एसीसी प्रबंधन ने कहा कि बच्चों के उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करेंगे। कौशल विकास के लिए 45 दिन का सिलाई प्रशिक्षण देकर एनजीओ साही एक्सपोर्ट के सहयोग से गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग के रोजगार से जोड़ेंगे। कंपनी का 110 बच्चों को इसमें जोड़ने का लक्ष्य है। इसके अतिरिक्त कंपनी ने 6 माह का प्रशिक्षण 30 बच्चों के लिए आयोजित किया है। प्रशिक्षित बच्चे रेमंड जैसे नामी-गिरामी कंपनी में काम कर रहे हैं। इसके अलावा प्रभावित परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास बनाने में कंपनी की ओर से सीमेंट देने का भी प्रस्ताव रखा।

12वीं तक का खर्च उठाएगा टाटा

टाटा स्टील झरिया डिविजन के महाप्रबंधक संजय राजोरिया ने कहां की ऐसे बच्चों के 12वीं तक की पढ़ाई का खर्च कंपनी वहन करेगी। साथ ही उन्हें स्कूल ड्रेस, किताब के अलावा बच्चों की रुचि के अनुसार उनका कौशल विकास करेगी। सक्षम हो जाने पर बच्चों को बाहर भी भेजेगी। इसी प्रकार मैथन पावर लिमिटेड एवं दामोदर वैली कॉरपोरेशन ने भी कहा कि वे ऐसे प्रभावित बच्चों के विकास के लिए बेहतर योजना बनाकर हर संभव सहायता प्रदान करने में अपना भरपूर सहयोग देगी।

लाभ पहुंचाने के लिए सभी के पास होनी चाहिए रणनीति

उपायुक्त ने पदाधिकारियों से कहा कि ऐसे प्रभावित परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए सभी के पास रणनीति होनी चाहिए। किसी को विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, राशनकार्ड, राशन इत्यादि सहित अन्य सरकारी लाभ के लिए भटकना नहीं पड़े। ऐसे प्रभावित परिवारों को उनके दरवाजे तक जाकर सहायता मिलेगी तो यह अपने आप में एक बहुत बड़ा काम साबित होगा। साथ ही कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जो भी दाखिल खारिज लंबित है उसे मानवता पेश करते हुए सहायता करें। जो भी समस्या है उसका त्वरित समाधान करे। कोई व्यक्ति भूमि विहीन है तो राज्य सरकार के संकल्प के अनुसार भूमि सेटलमेंट का प्रपोजल भेजें।

डीएमएफटी से भी की जाएगी मदद

गरीब परिवार में यदि कोई बच्ची पढ़ने योग्य है तो उसका दाखिला निकटवर्ती कस्तूरबा विद्यालय में करें। किताब एवं ड्रेस पहुंचाएं। इसके लिए बीओ, बीपीओ, सीआरपी, बीआरपी की सहायता ले। साथ ही लक्ष्मी लाडली योजना, कन्यादान योजना इत्यादि से भी उन्हें आच्छादित करें। उन्होंने कहा कि वैसे परिवार जिसे कोरोना ने प्रभावित किया है और योजना के बावजूद उनके पास रहने के लिए छत नहीं है, उनके लिए ग्राम सभा से प्रस्ताव पारित कर भेजे। वैसे परिवारों को डीएमएफटी से राशि देकर रहने के लिए घर उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही अत्यंत गंभीर एवं बीमार व्यक्ति के लिए भी ग्राम सभा से प्रस्ताव पारित होने पर उन्हें मुख्यमंत्री असाध्य बीमारी योजना के तहत स्वीकृत ₹500000 का लाभ दिया जाएगा।

मिशन मोड में काम करने पर जोर

बैठक के समापन पर उपायुक्त ने कहा कि संबल साथी योजना के माध्यम से कोरोना संक्रमण से प्रभावित परिवारों को त्वरित एवं दूरगामी सहायता प्रदान करने के लिए सभी पदाधिकारी उच्च प्राथमिकता प्रदान करके मिशन मोड में आगे बढ़कर अधिक से अधिक परिवार को लाभ पहुंचाएं। बैठक में उपायुक्त उमा शंकर सिंह, नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार, उप विकास आयुक्त दशरथ चंद्र दास, निदेशक डीआरडीए, निदेशक एनईपी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी भोगेंद्र ठाकुर, अपर समाहर्ता श्याम नारायण राम, अनुमंडल पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार, सिविल सर्जन डॉ गोपाल दास, जिला योजना पदाधिकारी महेश भगत सहित जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक, बीसीसीएल, एमपीएल, एसीसी, टाटा, डीवीसी, जेएसएलपीएस, कौशल विकास के नोडल पदाधिकारी, अग्रणी जिला प्रबंधक, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी अंचल अधिकारी व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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