पुलिस के गले की फांस बनी आर्यन की माैत, नेहा की जान जाने के बाद मनोज ने खाया जहर Dhanbad News
मनोज चौहान ने गया के फतेहपुर प्रखंड के समदा गांव में जहर खाकर जान देने का प्रयास किया। पुलिस सिजुआ के आठ साल के मासूम आर्यन की मौत के मामले में मनोज की तलाश कर रही थी।
कतरास, जेएनएन। सिजुआ में आठ साल के मासूम आर्यन की गोली लगने से माैत के बाद यह मामला सुलझने के बजाय उलझता ही जा रहा है। पुलिस के दबाव में पहले सिजुआ की ही 18 वर्षीय नेहा ने घर में फांसी के फंदे पर झूल गई। नेहा की अंतेष्ठि हो रही थी कि मनोज चाैहान ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की। आर्यन की माैत में पुलिस को मनोज की तलाश है। इसे लेकर पुलिसिया जांच सवालों में घिर गया है। पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लग रहा है।
सिजुआ की नेहा की जान जाने के बाद साइबर अपराधी मनोज चौहान ने गया के फतेहपुर प्रखंड के समदा गांव में जहर खाकर जान देने का प्रयास किया। पुलिस सिजुआ के आठ साल के मासूम आर्यन की मौत के मामले में मनोज की तलाश कर रही थी। पुलिस रिकॉर्ड में मनोज साइबर अपराधी भी है। पुलिस से बचने के लिए वह गया के अपने पैतृक गांव में छिपा हुआ था। शुक्रवार की दोपहर उसने जहर खा लिया। हालत बिगडऩे पर उसे गया के अनुग्र्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसकी हालत नाजुक है।
गया के एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि मनोज आपराधिक प्रवृति का है। उसके तार झारखंड-बिहार के अपराधियों से जुड़े हैं। उससे पूछताछ के लिए पुलिस दल को अस्पताल भेजा गया है। अस्पताल में पहरा भी लगा दिया गया है।
मनोज कुछ साल पहले धनबाद जाकर बस गया था। समदा में उसका आना-जाना कम था। कम उम्र में ही उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। इसके तार फतेहपुर प्रखंड में साइबर क्राइम करने वालों से जुड़ गए थे। उसे अपराध की दुनिया में लाने वाला नीमी गांव का संतोष पासवान है। संतोष को निर्भीक युवक की जरूरत थी। समझाने पर मनोज उसके साथ हो गया। मनोज, संतोष के साथ दो और युवकों ने कई राज्यों में एटीएम का क्लोनबना कर कई बैंक ग्र्राहकों को चपत लगाई थी। जल्द ही उनके पास अच्छी संपत्ति बन गई थी।