बस्ताकोला की पीड़िता ने किया खुलासा-नशे की गोली खिलाकर मामा ने की थी ज्यादती
बस्ताकोला की 16 साल की नाबालिग से मामा के दुष्कर्म किए जाने से जुड़े मामले में पीड़िता ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मंगलवार को चाइल्ड वेलफेयर कमिटी में दिए गए बयान में उसने बताया कि पहले उसके मामा ने नशे की गोली खिलाकर उसके साथ ज्यादती की। फिर भाई को मार डालने की धमकी देकर बार-बार उसकी जिदगी से खिलवाड़ करता रहा। अगस्त से दिसंबर तक उसके साथ हैवानियत होती रही।
जागरण संवाददाता, धनबाद : बस्ताकोला की 16 साल की नाबालिग से मामा के दुष्कर्म किए जाने से जुड़े मामले में पीड़िता ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मंगलवार को चाइल्ड वेलफेयर कमिटी में दिए गए बयान में उसने बताया कि पहले उसके मामा ने नशे की गोली खिलाकर उसके साथ ज्यादती की। फिर भाई को मार डालने की धमकी देकर बार-बार उसकी जिदगी से खिलवाड़ करता रहा। अगस्त से दिसंबर तक उसके साथ हैवानियत होती रही। भाई की जिदगी बचाने के लिए वह खामोश रही। पर जैसे ही अपने पिता के पास सूरत पहुंची तो दर्द बयां करते करते फूट पड़ी। बेटी के साथ हुई ज्यादती पर पिता चुप नहीं रह सके और उसके मामा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। हालांकि आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। उसके दिल्ली भाग जाने की बात कही जा रही है। क्या कहा पीड़िता ने
पीड़िता ने बताया कि उसके पिता सूरत में काम करते हैं। मां दूसरों के घरों में खाना बनाकर परिवार को मदद करती है। तंगहाली के कारण ही छठी कक्षा तक पढ़ने के बाद उसे पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। छोटा मामा अक्सर घर आया करता था। बुरी नियत से छूने की कोशिश करता रहता था। अगस्त महीने में एक दिन जब जब मामा घर आया तो गलत करने की कोशिश करने लगा। किशोरी ने विरोध किया और सिर दर्द होने की बात कहकर दूसरे कमरे में चली गई। कुछ देर बाद मामा सिर दर्द की गोली ले आया। मामा पर भरोसा कर उसने गोली खा ली। गोली गुलाबी रंग थी जिसे खाने के कुछ देर बाद वह बेहोश होने लगी। वह सबकुछ देख और सुन सकती थी पर विरोध नहीं कर सकती थी। मामा ने इसका पूरा फायदा उठाया और मनमानी की। बाद में जाते वक्त मुंह खोलने पर भाई और उसे मार डालने की धमकी देकर भी गया। दरिदगी का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ। वह अक्सर आता था और मनमानी करता था। एक दिन अपने बड़े भाई के बच्चे को लेकर भी आया। उसे मोबाइल पर वीडियो गेम देखने भेज कर गलत करने लगा। थोड़ी देर बाद मोबाइल लेकर कमरे में आए बच्चे ने गलत करते देख लिया। मामला बढ़ गया और पीड़िता को समाज की दुहाई देकर चुप करा दिया गया। पिता यहां नहीं थे और भाई को मार डालने की धमकी मिली थी जिस वजह से वह चुन रही। दिसंबर में पूरा परिवार सूरत चला गया। वहां पूरे परिवार को साथ पाकर किशोरी को साहस मिला और उसने अपने पिता को उसके साथ हुई हैवानियत बयां कर दिया। 12 जनवरी को पूरा परिवार झरिया लौट गया और 17 को झरिया थाने में मामा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। पीड़िता का बयान दर्ज कर लिया गया है। 164 के तहत भी उसका बयान हो चुका है। मेडिकल जांच के बाद उसे परिवार के साथ भेज दिया गया है। आरोपित की जल्द गिरफ्तारी होनी चाहिए।''''
विद्योत्तमा बंसल, सदस्य चाइल्ड वेलफेयर कमेटी