Maithon Dam: कोरोना काल के छह महीने बाद मैथन में पहुंचने लगे सैलानी, नाविकों के खिले चेहरे
मत्स्य गंधा नौका विहार के सचिव नेपाल चौधरी बताते हैं कि नौका विहार में तकरीबन दो दर्जन नाविक हैं। लॉकडाउन ने सबकी कमर ही तोड़ दी। नौका विहार के सभी नाविकों को मिलाकर छह महीना में साढ़े तीन लाख का नुकसान हुआ है।
मैथन [ श्रवण कुमार ]। कोरोना काल में सबसे अधिक प्रभावित पर्यटन उद्योग हुुआ। कोरोना संक्रमण के चलते मार्च में लॉकडाउन लगने के बाद पर्यटन थम पड़ा। धनबाद जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मैथन डैम भी इससे अछूता नहीं रहा। मैथन डैम स्थित मत्स्य गंधा नौका विहार में सैलानियों का आवागमन थम पड़ा, लेकिन कोरोना काल के छह महीना बाद मैथम डैम में सैलानियों की चहलकदमी आहिस्ते-आहिस्ते शुरू होने लगी है। डैम का सैर करने सैलानी धीरे-धीरे पहुंचने लगे हैं। इससे नाविकों के चेहरों पर मुस्कान लौटने लगी है। गुरुवार को कई पर्यटक नौका विहार का आनंद उठाते दिखे। हजारीबाग से मैथन आए निखिल कुमार ने परिवार के साथ नौका से डैम का सैर किया। थोड़ी देर बाद कुछ और लोग नौका विहार का आनंद उठाने पहुंचे। इस दौरान दो महिलाएं सेल्फी का आनंद उठाने से भी अपने को रोक नहीं पाई।
नौका व लाइफ जैकेट को सैनिटाइज कर सैलानियों को बैठा रहे नाविक
कोरोना संक्रमण को देखते हुए नाविका सैनिटाइजेशन का पूरा ख्याल रख रहे हैं। नाविक नेपाल चौधरी बताते हैं कि सैलानियों को डैम का सैर कराने से पहले नौका व लाइफ जैकेट को सैनिटाइज करते हैं। इसके बाद सैलानियों को पहनने को देते हैं। हालांकि, सैनिटाइज जैकेट पहनने से कई पर्यटक कतराते भी हैं, पर समझाने पर पहन लेते हैं।
लॉकडाउन में नाविकों का जमापूंजी से चला घर का खर्च
मत्स्य गंधा नौका विहार के सचिव नेपाल चौधरी बताते हैं कि नौका विहार में तकरीबन दो दर्जन नाविक हैं। लॉकडाउन ने सबकी कमर ही तोड़ दी। नौका विहार के सभी नाविकों को मिलाकर छह महीना में साढ़े तीन लाख का नुकसान हुआ है। पहले की जमापूंजी से लॉकडाउन काल में घर का खर्च किसी तरह चलाया। लेकिन नाव के रखरखाव में काफी परेशानी आई। नाविक विष्णु बाउरी बताते हैं कि उन्होंने कर्ज लेकर नाव बनवाया है। इसी तरह और कई नाविकों ने कर्ज लिया है। हालांकि, अब सैलानियों के आने शुरू होने से नाविकों को बदहाल स्थिति ठीक होने की उम्मीद है।