एमपीएल में मजदूरों व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच नोकझोंक, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, दंडाधिकारी व कई मजदूर घायल

निरसा एमपीएल में बायोमेट्रिक अटेंडेंस को लेकर चल रहे आंदोलन के तीसरे दिन मंगलवार को विस्थापित मजदूरों व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच जमकर नोकझोंक व धक्कामुक्की हुई। इसमें प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सह निरसा प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डा. संतोष कुमार व मजदूर तुलसी तिवारी को चोट आई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 11:12 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 11:12 PM (IST)
एमपीएल में मजदूरों व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच नोकझोंक, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, दंडाधिकारी व कई मजदूर घायल
एमपीएल में मजदूरों व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच नोकझोंक, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, दंडाधिकारी व कई मजदूर घायल

निरसा : एमपीएल में बायोमेट्रिक अटेंडेंस को लेकर चल रहे आंदोलन के तीसरे दिन मंगलवार को विस्थापित मजदूरों व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच जमकर नोकझोंक व धक्कामुक्की हुई। इसमें प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सह निरसा प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डा. संतोष कुमार व मजदूर तुलसी तिवारी को चोट आई है। इस दौरान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए कई मजदूरों की पिटाई कर दी, जिससे वह घायल हो गए। इसके बाद आक्रोशित मजदूरों ने एमपीएल की कोयला व छाई ट्रांसपोर्टिंग बंद कर एमपीएल अधिकारियों को प्लांट के अंदर जाने से रोक दिया। बाद में पुलिस प्रशासन के सहयोग से एमपीएल के अधिकारी प्लांट के अंदर जा सके।

वहीं मजदूरों के आंदोलन के समर्थन में पूर्व विधायक अरूप चटर्जी व झामुमो नेता अशोक मंडल पहुंचे। दोनों नेताओं ने इसके लिए एमपीएल की हठधर्मिता को दोषी ठहराया। एसडीपीओ पितांबर सिंह खेरवार व बीडीओ विकास कुमार राय की पहल पर एमपीएल के गेट कार्यालय में मजदूरों व एमपीएल प्रबंधन के बीच दो चक्र की वार्ता हुई। लेकिन उसमें कोई हल नहीं निकल सका। मजदूर जहां वेतनवृद्धि व पदोन्नति की मांग कर रहे हैं, वहीं एमपीएल प्रबंधन का कहना है कि पहले बायोमेट्रिक अटेंडेंस चालू किया जाए। लेकिन प्रबंधन का कहना है कि मजदूर पहले आंदोलन वापस लें, इसके बाद मांगों पर अलग से बातचीत कर मामले का समाधान किया जाएगा। जबकि मजदूरों का कहना है कि एमपीएल के पदाधिकारी पुलिस प्रशासन की मदद दबाव बनाया जा रहा है कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस बनाएं, वर्ना प्लांट के अंदर घुसने नहीं दिया जाएगा। मजदूरों ने कहा कि हम 10 वर्षों से काम कर रहे हैं। लेकिन आज तक नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है। न पदोन्नति हुई है ना ही वेतनवृद्धि हुई। तीन दिन से शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे मजदूरों पर लाठीचार्ज करवाया गया। वार्ता में एमपीएल की ओर से जेपी चौधरी, गोपाल वर्णवाल, शुभाशीष पांडे, सब्यसाची मुखर्जी, मजदूरों की ओर से पूर्व विधायक अरूप चटर्जी, झामुमो नेता अशोक मंडल, मजदूर तुलसी तिवारी, देवाशीष तिवारी, अभिजीत मंडल, महेंद्र चौधरी, गोविदा चौबे व सोना मिश्रा मौजूद थे। समाचार लिखे जाने तक प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी की ओर से एमपीएल ओपी में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया चलाई जा रही है। बंद, जाम समेत धरना प्रदर्शन किसी के हित में नहीं : एमपीएल प्रबंधन : इधर, एमपीएल प्रबंधन का कहना है कि आए दिन बंद, जाम, धरना-प्रदर्शन, भय का माहौल कायम करना व राजनीति किसी के हित में नहीं है। अगर यही स्थिति रही तो प्लांट पर गंभीर और प्रतिकूल असर पड़ेगा। इससे किसी का भला नहीं होगा। डिजिटल एक्सेस कंट्रोल सिस्टम सभी जगह लागू है। एमपीएल के सभी अधिकारी सहित काफी संख्या में संविदा कर्मी भी डिजिटल एक्सेस कंट्रोल सिस्टम का पालन कर रहे हैं।

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