सरकार की उदासीनता से व्यथित दिव्यांग खिलाड़ी कुमार गौरव लौटाएंगे मेडल
निरसा एक तरफ राज्य सरकार खिलाड़ियों को बढ़ावा देने की बात कह रही है। वहीं दूसरी ओर खिलाड़ी खेल कोटे से नौकरी व रोजगार के लिए भटक रहे हैं।
निरसा : एक तरफ राज्य सरकार खिलाड़ियों को बढ़ावा देने की बात कह रही है। वहीं दूसरी ओर खिलाड़ी खेल कोटे से नौकरी व रोजगार के लिए भटक रहे हैं। सरकारी उदासीनता से व्यथित दिव्यांग खिलाड़ी निरसा कुमार गौरव ने अपने सारे मेडल व प्रशस्ति पत्र निरसा अंचलाधिकारी को लौटाने की घोषणा की है। निरसा के रहने वाले कुमार गौरव ने बताया कि सरकारी उदासीनता को देखते हुए उन्होंने इच्छामृत्यु की मांग की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय सक्रिय हुआ था। मुख्यमंत्री ने धनबाद उपायुक्त को हरसंभव सहयोग देने का निर्देश दिया था। इसके बाद 50 किलो चावल व राशन कार्ड देकर सिर्फ फुसलाया गया। जबकि मैंने खेल कोटे से नौकरी की मांग की थी। कुमार गौरव ने बताया कि बगैर सरकारी सुविधा के अब तक झारखंड के लिए लगातार पदक जीता। लेकिन सरकार से मदद के नाम सिर्फ राशन कार्ड मिला है। कुमार गौरव ने वर्ष 2007, 2008 व 2010 में हरियाणा के पंचकुला में आयोजित राष्ट्रीय चैंपियनशिप फॉर सेब्रल पाल्सी प्रतियोगिता में 100 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीता था। वर्ष 2013 में देवघर में आयोजित स्टेट चैंपियनशिप के 100 मीटर दौड़ में गोल्ड व राष्ट्रीय गेम्स में सिल्वर मेडल जीता था। पटना में वर्ष 2018 में आयोजित नेशनल गेम्स में 100 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीता था। वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ में आयोजित नेशनल गेम्स में 15 मीटर दौड़ में रजत पदक प्राप्त किया।