झमाडा का नगर निगम पर डेढ़ करोड़ किराया बाकी
धनबाद झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (झमाडा) के परिसर नहीं बल्कि उसके भवन में ही नगर निगम का कार्यालय चल रहा है। इसके लिए किराए की दर भी निर्धारित है लेकिन 2016 के बाद से नगर निगम ने झमाडा को एक रुपया भी नहीं दिया है।
धनबाद : झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (झमाडा) के परिसर नहीं, बल्कि उसके भवन में ही नगर निगम का कार्यालय चल रहा है। इसके लिए किराए की दर भी निर्धारित है, लेकिन 2016 के बाद से नगर निगम ने झमाडा को एक रुपया भी नहीं दिया है। झमाडा का नगर निगम पर 43 माह का भाड़ा बकाया है। विभाग अब नगर निगम को नोटिस भेजने की तैयारी में है। किराया मद में एक करोड़ 45 लाख 53 हजार 491 रुपये राशि की माग की जाएगी। नगर निगम एवं झमाडा के बीच करार के अनुसार तीन साल से अधिक किराया होने पर 15 फीसद ब्याज भी झमाडा लेगा। भाड़े के पुराने दर को संशोधित कर नई दर से डिमांड नोटिस जाएगा। निगम ने झमाडा को 2016 तक का ही किराया दिया है। उस समय 16 लाख 83 हजार 393 रुपये भुगतान किया गया था। इसके बाद से ही नगर आयुक्त प्रभारी एमडी के पद पर नए एमडी की तैनाती होने तक बने रहे। बावजूद अब तक झमाडा को किराया नहीं मिला। झमाडा का तो यहां तक कहना है कि नगर आयुक्त को एमडी का प्रभार देने से ऐसी स्थिति बनी। झमाडा बिल भेजता है और नगर आयुक्त होल्डिंग टैक्स में राशि समायोजित कर लेते हैं। झमाडा में स्थाई एमडी की नियुक्ति होने पर निगम पर दबाव बनना शुरू हो गया है।
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वर्जन
किराया तो हर किसी को देना है। नगर निगम झमाडा की बिल्डिंग में संचालित है। बकाया बिल का निगम को भुगतान करना होगा। लगभग डेढ़ करोड़ रुपये बकाया है। डिमांड नोटिस भेजने की तैयारी है। पुराना रेट भी संशोधित किया जा रहा है। अब नए दर पर बिल भुगतान करना होगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। कुछ और बड़े बकाएदारों से भी वसूली की जाएगी।
- दिलीप कुमार, एमडी झमाडा