झरिया व सिदरी में धूमधाम से हुई भगवान विश्वकर्मा की पूजा

झरिया और इसके आसपास क्षेत्रों में देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा शुक्रवार को धूमधाम से हुई। झरिया के कतरास मोड़ में विश्वकर्मा बढ़ई कल्याण समिति झरिया की ओर से प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गई। मौके पर महेश नाथ शर्मा रामदयाल शर्मा सुदामा शर्मा महावीर शर्मा आदि थे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 05:46 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 05:46 PM (IST)
झरिया व सिदरी में धूमधाम से हुई भगवान विश्वकर्मा की पूजा
झरिया व सिदरी में धूमधाम से हुई भगवान विश्वकर्मा की पूजा

जासं, झरिया-सिदरी : झरिया और इसके आसपास क्षेत्रों में देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा शुक्रवार को धूमधाम से हुई। झरिया के कतरास मोड़ में विश्वकर्मा बढ़ई कल्याण समिति झरिया की ओर से प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गई। मौके पर महेश नाथ शर्मा, रामदयाल शर्मा, सुदामा शर्मा, महावीर शर्मा आदि थे। लाइफ लाइन अस्पताल के पास वाहन स्टैंड, चार नंबर टैक्सी स्टैंड सहति विभिन्न कोलियरी के कल कारखानों में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर भक्ति भाव से भक्तों ने पूजा की। बीसीसीएल लोदना, बागडिगी, जयरामपुर, जीनागोरा, साउथ तिसरा, नार्थ तिसरा गोलकडीह, कुजामा, बस्ताकोला, बेरा, दोबारी, भागा फुसबंगला, डिगवाडीह, पाथरडीह, भौंरा आदि क्षेत्रों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा हर्षोल्लास से की गई। सिदरी में बैजु विश्वकर्मा मंदिर में विशेष पूजा हुई। रेलवे कर्मचारी विनोद कुमार और उनकी पत्नी लक्ष्मी देवी पूजा पर बैठे। पंडित अमरनाथ झा ने विधि-विधान से पूजा करवाई। मालूम हो कि 1982 में यहां के विश्वकर्मा मंदिर में आठ फीट की प्रतिमा विश्वकर्मा मंदिर के संस्थापक बैजनाथ शर्मा व उनकी पत्नी गिरिजा देवी ने धूमधाम से की थी। मौके पर भरत शर्मा, अरुण शर्मा, लक्ष्मण शर्मा आदि थे। हर्ल, एसीसी सीमेंट कारखाना में भी भगवान विश्वकर्मा की पूजा की गई। शहरपुरा नेहरु मैदान में निजी वाहन मालिकों की ओर से विश्वकर्मा पूजा की गई। बैंक मोड़ स्थित विश्वकर्मा मंदिर में विश्वकर्मा बढ़ई कल्याण समिति धनबाद की ओर से धूमधाम से पूजा की गई। चासनाला, पाथरडीह, सुदामडीह आदि क्षेत्र में भी भगवान विश्वकर्मा की पूजा उत्साह के साथ की गई। सेल चासनाला कोलियरी के सभी विभागों में भी पूजा हुई। पाथरडीह लोको बा•ार स्थित रेलवे विभाग के वरीय अनुभाग अभियंता कार्य कार्यालय व अन्य विभागों में भी प्रभु विश्वकर्मा की पूजा की गई। खिचड़ी भोग का वितरण हुआ।

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