Jharkhand: नातिन का कटा नाम तो फीस जमा करने स्कूल पहुंचे शिक्षा मंत्री, भाजपा ने कसा तंज
Lockdown period school fees शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को इस बात की सूचना मिली कि उनकी नतिनी रिया जो कि चास डीपीएस की छात्रा है उसका नाम ऑनलाइन से विद्यालय ने ऑफ लाइन कर दिया है।
बोकारो, जेएनएन। Lockdown period school fees: कोरोना काल में स्कूल नहीं तो शुल्क नहीं जैसी बातें करने वाले राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को अब निजी स्कूलों और अभिभावकों की मजबूरी समझ में आ गई है। दरअसल शिक्षा मंत्री को यह जानकारी मिली थी कि फीस जमा नहीं करने की वजह से उनकी नातिन रिया का नाम डीपीएस, चास प्रबंधन ने काट दिया है। उसकी ऑनलाइन कक्षा बंद कर उसे ऑफलाइन कर दिया गया है। बोकारो में ही रहने वाली उनकी बेटी के माध्यम से पहुंची इस सूचना पर मंत्री शनिवार को स्कूल पहुंचे और बतौर अभिभावक काउंटर पर अप्रैल से सितंबर महीने तक के शुल्क मद में 22,800 रुपये भुगतान किया। मंत्री ने इसके बाद स्कूल की प्रभारी प्राचार्य शैलजा जय कुमार से जब नातिन का नाम काटने से संबंधित जानकारी ली, प्रभारी प्राचार्य ने नाम काटने जैसी बात से साफ-साफ इन्कार किया। इसके बाद मंत्री वहां से निकल गए।
अभिभावकों से की स्कूल फीस जमा करने की अपील
बोकारो स्थित परिसदन में दैनिक जागरण से बातचीत में शिक्षा मंत्री ने बताया कि रिया चौथी कक्षा में अध्ययनरत है। बेटी ने दूरभाष पर शिक्षण शुल्क जमा नहीं करने की वजह से रिया का नाम काट दिए जाने की जानकारी दी थी। इस पर उन्होंने स्कूल प्रबंधन से कुछ दिनों के अंदर शुल्क जमा कर देने की बात दूरभाष पर की। इससे इतर बेटी ने ऑनलाइन कक्षा से रिया का नाम काट दिए जाने की जानकारी दी। नतीजतन उन्हें शुल्क जमा करने आना पड़ा। उन्होंने मौजूदा हालात को देखते हुए अभिभावकों से यथासंभव शैक्षणिक शुल्क जमा करने की अपील की है।
कैबिनेट की बैठक में होगी चर्चा
मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि स्कूल प्रबंधन ने केवल शिक्षण शुल्क ही लिया है। स्कूल ने नातिन का नाम काटा है अथवा नहीं, यह जांच से ही पता चलेगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस बाबत निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी निजी विद्यालयों की फीस से संबंधित जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी जानी है। इससे संबंधित प्रक्रिया चल रही है। शिक्षा के मंदिर में राजनीति नहीं होनी चाहिए। कैबिनेट की बैठक में भी निजी विद्यालयों की ओर से शुल्क वसूली व अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी।
तकनीकी संस्थान खोलने पर मुख्यमंत्री का है विशेष ध्यान
एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि बोकारो औद्योगिक क्षेत्र है, इसलिए यहां तकनीकी व उच्च शिक्षण संस्थान खोलने की आवश्यकता है। बोकारो में तकनीकी संस्थान खोलने पर मुख्यमंत्री का विशेष ध्यान है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में मदरसा बोर्ड की परीक्षा के संचालन को लेकर भी सजग है। इसके लिए केंद्र चिह्नित किए गए हैं। राज्य के सभी जिले में मॉडल स्कूल की स्थापना की प्रक्रिया जारी है।
यह हिम्मती नहीं, मजबूर सरकार : कुणाल
मंत्री जगरनाथ महतो द्वारा निजी स्कूल में फीस जमा करने से संबंधित मुद्दा तूल पकड़ लिया है। भाजपा ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह हिम्मती नहीं, मजबूर सरकार है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने कहा कि निजी स्कूलों की मनमानी का आलम सरकार को आईना दिखाने के लिए पर्याप्त है। कहा, इस प्रकरण ने झारखंड सरकार की मंशा और इच्छाशक्ति पर सवाल खड़े किए हैं। कुणाल ने कहा कि चास के दिल्ली पब्लिक स्कूल की घटना तो बस एक उदाहरण मात्र है। चूंकि यह मामला सूबे के शिक्षा मंत्री के घर से संबंधित था इसलिए मंत्री आनन-फानन में स्कूल पहुंच गए। भाजपा ने सवाल उठाया कि हर दिन राज्य के हजारों अभिभावक निजी स्कूलों के दोहन और शोषण के शिकार हो रहें है, लेकिन सरकार संवेदनशून्य है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों की माफियागिरी के आगे शिक्षा मंत्री नख और दंत विहीन शेर के समान मजबूर हैं।