झरिया के अंतरराज्जीय बस स्टैंड में छाया सन्नाटा; यातायात में कड़ाई के कारण नहीं आ रहीं बसें Dhanbad News
कोरोना इफैक्ट के कारण सात दशक पुराने झरिया के चार नंबर बस स्टैंड में इनदिनों सन्नाटा छाया हुआ है। वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर की चेन को तोड़ने के लिए सरकार ने आंशिक लॉकडाउन के साथ स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लागू की।
धनबाद, गोविन्द नाथ शर्मा। कोरोना इफैक्ट के कारण सात दशक पुराने झरिया के चार नंबर बस स्टैंड में इनदिनों सन्नाटा छाया हुआ है। वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर की चेन को तोड़ने के लिए सरकार ने आंशिक लॉकडाउन के साथ स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लागू की। लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार ने रविवार से और कड़ाई करते हुए अंतर जिला और राज्यों में बसों और वाहनों के परिचालन पर कई और नियम लागू कर दिए हैं। ई पास को अनिवार्य कर दिया है। इससे झरिया बस स्टैंड में सन्नाटा छा गया है। बस स्टैंड में नहीं के बराबर यात्री आ रहे हैं। इस बस स्टैंड से झारखंड के अलावा बिहार और बंगाल के लगभग दो दर्जन बसों का हर दिन आवागमन होता था। कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए सरकार की ओर से और कड़ाई किए जाने के कारण यात्री बसें नहीं चल रहे हैं। इससे यात्रियों को भी काफी परेशानी हो रही है। बस स्टैंड के एजेंट धनंजय कुमार ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में अभी बाहर से यात्री बसें नहीं आ रही हैं। कुछ दिन पहले तक कुछ बसें आती थीं। लेकिन रविवार से सरकार की ओर से और कड़ाई कर दिए जाने के कारण बस नहीं आए। बस स्टैंड में सन्नाटा छाया हुआ है।
झरिया बस स्टैंड से इन जगहों के लिए चलती थीं हर दिन बसें :
लगभग 70 वर्ष पुराने झरिया चार नंबर बस स्टैंड से हर दिन दो दर्जन बसें झारखंड, बिहार और बंगाल तक जाती थीं। यहां से झारखंड के बोकारो, गिरिडीह, रांची, साहिबगंज, देवघर, गोड्डा, पाकुड़, जमशेदपुर, इसरी, बगोदर, हजारीबाग, बरही, बरकट्ठा, सरिया बिहार के गया, नवादा, सिकंदरा, जमुई, झाझा, दाउदनगर, शेरघाटी, बंगाल के पुरुलिया आदि स्थानों के लिए रोज बसे खुलती थीं। लेकिन यह सब फिलहाल बंद हो गया है।
वर्जन
कोरोना काल में हर तरह के यात्री बसों, वाहनों के लिए ई पास जरुरी कर दिया गया है। ई पास के अलावा
सरकार की गाइडलाइन का पालन करना बहुत जरूरी है।
- पंकज कुमार झा, झरिया थाना प्रभारी।