BBMKU Dhanbad: स्टूडेंट्स पढ़ेंगे 'गलत पते का खत', साहित्यकार श्रीराम दुबे ने दी सहमति

Literary Shriram Dubey साहित्याकार श्रीराम दुबे ने बताया कि विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने उनसे संपर्क कर उनसे एक रचना देने की अनुमति मांगी है। साहित्यकारों से ही उनकी एक रचना सुझाने को भी कहा गया है जिसे प्रस्तावित पुस्तक में शामिल किया जाए।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 08:59 AM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 09:10 AM (IST)
BBMKU Dhanbad: स्टूडेंट्स पढ़ेंगे 'गलत पते का खत', साहित्यकार श्रीराम दुबे ने दी सहमति
पूर्व नाैकरशाह और साहित्यकार श्रीराम दुबे ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय में स्थानीय साहित्यकारों की रचनाएं भी पढ़ाई जाएंगी। विश्वविद्यालय ने झारखंड के साहित्यकारों की रचनाओं पर एक पुस्तक प्रकाशित करने की योजना बनाई है। इसके लिए प्रमुख साहित्यकारों से उनकी एक-एक लघु कथा का संकलन किया जा रहा है और उनसे अनुमति ली जा रही है। यह जानकारी साहित्यकार श्रीराम दुबे ने दी। दुबे ने बताया कि विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने उनसे संपर्क कर उनसे एक रचना देने की अनुमति मांगी है। साहित्यकारों से ही उनकी एक रचना सुझाने को भी कहा गया है, जिसे प्रस्तावित पुस्तक में शामिल किया जाए। उन्होंने अपनी लघुकथा- गलत पते का खत शामिल करने का सुझाव दिया है और इसकी सहमति भी दी है।

दो विश्वविद्यालयों में शोध भी

दुबे के मुताबिक दो विश्वविद्यालयों में उनकी कृतियों पर शोध भी किया जा रहा है। कोल्हापुर विश्वविद्यालय में पहले एक छात्रा ने श्रीराम दुबे के उपन्यासों में नारी की कथा-व्यथा- एक अनुशीलन पर शोध किया था। अब अमृतसर स्थित गुरुनानक देव विश्वविद्यालय की एक छात्रा श्रीराम दुबे का उपन्यास अग्निव्यूह पर शोध करने की अनुमति ली है। यह कोयलांचल की त्रासदी पर आधारित उपन्यास है। अग्निव्यूह को राजकमल प्रकाशन ने प्रकाशित किया था।

वृषभानुजा से परशुराम तक

श्रीराम दुबे सेवानिवृत्त आइएएस पदाधिकारी हैं। सेवाकाल में विभिन्न स्थानों पर अपनी प्रतिनियुक्ति के दौरान उन्होंने वहां के सांस्कृतिक परिवेश का भी अध्ययन किया और विभिन्न मुद्दों को अपने साहित्य में समाहित भी किया है। झारखंड के विभिन्न इलाकों में अपनी प्रतिनियुक्ति के दौरान मिले अनुभवों के आधार पर उन्होंने कई साहित्य रचे। इनमें प्लेटफार्म नंबर सात-धनबाद रेलवे स्टेशन पर आधारित है, जिसमें छाई गद्दा के अवैध कारोबारों की विस्तृत जानकारी दी गई है। अग्निव्यूह अग्नि प्रभावित इलाकों की त्रासदी पर आधारित पुस्तक है। उम्र भर लंबी सड़क ट्रक चालकों व खलासियों के जीवन की चुनौतियों पर आधारित है तो हाल ही में लिखित प्रकाशनाधीन उपन्यास नाचनी, महुआ बाग, जंगल सब जानता है और नाचनी वीरभूम, सिंहभूम व मानभूम इलाकों के जनजीवन पर आधारित पुस्तकें हैं।

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