SAIL में LIC ने घटाई अपनी हिस्सेदारी, जानें अब कितना प्रतिशत शेयर

केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न सार्वजनिक लोक उपक्रम कंपनी के निजीकरण के फैसले का असर भारतीय जीवन बीमा निगम पर भी हुआ है। इसलिए अन्य कंपनी के साथ एलआईसी भी निजीकरण से पूर्व अपने शेयर को खुले बाजार में निवेश कर रही है।

By MritunjayEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 06:54 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 07:03 AM (IST)
SAIL में LIC ने घटाई अपनी हिस्सेदारी, जानें अब कितना प्रतिशत शेयर
भारतीय जीवन बीमा निगम ( सांकेतिक फोटो)।

जागरण संवाददाता, बोकारो। भारतीय जीवन बीमा निगम ( LIC) ने महारत्न कंपनी भारतीय इस्पात प्राधिकार (SAIL) के शेयर में अपनी हिस्सेदारी को 2.01 फीसद कम कर ली है। इस बाबत एलआइसी प्रबंधन की ओर से सोमवार को मुंबई स्टॉक एक्सजेंच को पत्र लिखकर मामले से अवगत करा दिया गया है। केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न सार्वजनिक लोक उपक्रम कंपनी के निजीकरण के फैसले का असर भारतीय जीवन बीमा निगम पर भी हुआ है। इसलिए अन्य कंपनी के साथ एलआईसी भी निजीकरण से पूर्व अपने शेयर को खुले बाजार में निवेश कर रही है। जिससे कंपनी की वित्तीय स्थिति संतुलन में रह सके। हालांकि सेल कंपनी के साथ शेयर के मामले में अपनी सहभागिता निभाने वाले सभी कंपनी को यह छूट है की वह किसी भी परिस्थिति में अपने शेयर का निवेश खुले बाजार में कर सकती है। फिर चाहे संबंधित कंपनी की परिस्थिति कैसी भी हो।

अब कितने प्रतिशत शेयर

वर्तमान में सेल के पास एलआइसी के शेयर की हिस्सेदारी 8.69 फीसद की है। अब एलआइसी ने  2.01 फीसद शेयर कम कर ली है। इसके बाद सेल में 6.68 फीसद हिस्सेदारी रह जाएगी। हालांकि इससे सेल के कर्मचारियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

काम से निकाले गए ठेका मजदूरों को बहाल करने की मांग

बोकारो इस्पात कामगार यूनियन (एटक) के बैनर तले बीएसएल के इंगोट मोल्ड फाउंड्री से निकाले गए ठेका मजदूरों ने पास सेक्शन के समक्ष प्रदर्शन कर प्रबंधन की मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ नारेबाजी किया। इस दौरान यूनियन के महामंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने कहा कि इंगोट मोल्ड फाउंड्री में पिछले 20 वर्षों से कार्यरत अनुभवी ठेका मजदूरों को काम पर निकाल दिया गया। अब उनकी जगह में अनुभवहीन मजदूरों को काम पर रख लिया गया। जिसकी वजह से इनदिनों प्लांट में दुर्घटनाएं बढ़ने लगी हैं। विभाग के अधिकारी अदूरदर्शी ढंग से मैन पावर अधिक होने के नाम पर मजदूरों की  छंटनी करने लगे हैं। जो प्लांट हित में बिल्कुल सहीं नहीं है।

आंदोलन की चेतावनी

कहा कि कुशल अनुभवी व पुराने ठेका मजदूरों की जगह पर नए अकुशल मजदूर को लाने की परिपाटी किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। कहा कि अगर जल्द प्लांट से निकाले गए ठेका मजदूरों को वापस काम पर नहीं लिया गया तो यूनियन उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा। इस अवसर पर मुख्य रूप से आईडी प्रसाद, वीरेंद्र तिवारी, प्राण सिंह, पप्पु, मोइन आलम, आनंद, धर्मेंद्र, दिलीप, इम्तियाज, विरेन, सहदेव, बासुदेव, शर्मा, गौरंगो बाउरी, राम प्रसाद, युवराज सिंह, राजन साहू, मिथिलेश, वासुदेव, महादेव, रंजीत, रमेश मांझी, वीरेंद्र, उदय आदि उपस्थित थे।

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