Elephant ambulance से मैथन से मथुरा भेजी गई 'लक्ष्मी', महावत बोले- छुड़ाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे
दो महीने पहले हथिनी मैथन में विचरण करते पाई गई थी। उसके साथ महावत राकेश दुबे थे। एक एनजीओ की शिकायत पर धनबाद वन विभाग ने हथिनी को जब्त कर लिया था। डीएफओ धनबाद विमल लकडा ने मुताबिक लक्ष्मी नामक हाथी के महावत के पास स्वामित्व प्रमाण पत्र नहीं था।
मैथन, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की रहने वाली हथिनी लक्ष्मी को शनिवार को एलीफेंट एंबुलेंस में भर्ती कर बेहतर इलाज एवं रखरखाव के लिए धनबाद के मैथन से एलीफेंट कंजर्वेशन एंड केयर सेंटर मथुरा भेज दिया गया। मैथन में लक्ष्मी पिछले दो माह से थी। यहां उसका उचित रखरखाव नहीं हो पा रहा था। इसके बाद वाइल्डलाइफ उत्तर प्रदेश एवं धनबाद न्यायालय के आदेश पर लक्ष्मी को मथुरा भेजा गया। उसे लेने के लिए एलीफेंट एंबुलेंस लेकर मथुरा से एक टीम आई थी।
क्या है मामला
दो महीने पहले हथिनी मैथन में विचरण करते पाई गई थी। उसके साथ महावत राकेश दुबे थे। एक एनजीओ की शिकायत पर धनबाद वन विभाग ने हथिनी को पकड़ लिया। डीएफओ धनबाद विमल लकडा ने मुताबिक लक्ष्मी नामक हाथी के महावत के पास स्वामित्व प्रमाण पत्र नहीं था। महावत ने दान पत्र दिखाया। इसे वन विभाग संतुष्ट नहीं हुआ। साथ ही महावत को अंतर राज्य नियम उल्लंघन का भी दोषी पाया गया। इसके अलावा वन्य जीव अधिनियम के विरुद्ध हाथी से कार्य कराया जा रहा था। हाथी को पकड़ने के बाद मैथन पुराना चेक पोस्ट के पास वन विभाग की नर्सरी में रखा गया था। हाथी की स्थिति खराब होते जा रही थी। उसके दोनों पैर में जख्म थे।
महावत ने कानूनी कार्रवाई की बात की
मिर्जापुर के रहने वाले महावत राकेश दुबे का कहना था कि हाथी का दान पत्र उनके पास है। हाथी का वे बेहतर रखरखाव कर रहे थे। परंतु धनबाद वन विभाग एवं एक एनजीओ के कहने पर हमारी हथिनी पकड़ ली गई। उसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।