कुहंका गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र व नया प्राथमिक विद्यालय के बीच मैदान में भू-धंसान Dhanbad News
निरसा थाना अंतर्गत नीचे कुहंका गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र व नया प्राथमिक विद्यालय के बीच स्थित मैदान के बीच के लगभग 8 फीट के दायरे में जमीन धंस गई है। जमीन धंसने से स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई । यह तो गनीमत रहेगी स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र बंद है।
मैथन/ निरसा, जेएनएन: निरसा थाना अंतर्गत नीचे कुहंका गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र व नया प्राथमिक विद्यालय के बीच स्थित मैदान के बीच के लगभग 8 फीट के दायरे में जमीन धंस गई है। जमीन धंसने से स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई । यह तो गनीमत रहेगी स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र बंद है।
इसके कारण बड़ी घटना घटित होने से बची । घटना के बाद ग्रामीणों ने अवैध खदान पहुंचकर खदान संचालन करने वाले के मुंशी को पकड़कर निरसा थाना के हवाले कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि भूधसान के समय काफी संख्या में मजदूर खदान के अंदर कोयला कटिंग करने गए थे।
वे खदान से भागने में सफल रहे या नहीं, कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही है। घटना की सूचना पाकर निरसा थानेदार सुभाष सिंह ने घटनास्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों को भूधसान स्थल से दूर रहने की हिदायत दी है। जानकारी के अनुसार गोपालपुर गांव के किनारे खुदिया नदी के समीप अवैध मुहाने बनाकर कोयला चोर अवैध कोयला उत्खनन का काम वर्षों से करते आ रहे हैं।
शुक्रवार की सुबह लगभग 8:00 बजे अचानक नीचे कुहंका स्थित एनपीएस एवं आंगनबाड़ी केंद्र के बीच मैदान का लगभग 10 फीट का दायरा जमीनदोज हो गया। ग्रामीणों का आरोप है कि अवैध उत्खनन स्थल गोपालपुर गांव के समीप है। अवैध कोयला कारोबारी खदान को नदी के नीचे नीचे कोयला काटते हुए हमारे गांव कुहंका की ओर चले आए हैं।भूधसान की घटना खुदिया नदी में भी घटना घटित हुई है क्योंकि नदी का पानी काफी गंदा हो गया है।
नदी का पानी कुहंका स्थित भूधसान अस्थल तक पहुंच गया है। यदि समय रहते अवैध उत्खनन स्थलों पर कार्रवाई नहीं की गई तो हमारा गांव कभी भी जमीनदोज हो सकता है। इस बात को लेकर कुहंका गांव के ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
1 सप्ताह के अंदर दो बार पुलिस ने छापेमारी की
जिस स्थान पर अवैध खनन के कारण भूधसान की घटना घटित हुई है वह स्थान पर 1 सप्ताह के अंदर पुलिस ने दो बार छापेमारी कर लगभग 25 टन कोयला, 11 साइकिल, मोटर पंपसेट एवं पानी निकासी का पाइप जब्त किया था। इसी से कोयला चोरों के बढ़ते मनोबल का अंदाजा लगाया जा सकता है कि लगातार छापेमारी एवं कोयला जब्ती के बावजूद कोयला चोर अवैध उत्खनन कार्य करने से बाज नहीं आ रहे।