सबकी खिदमत करते थे, नेक राह दिखाते थे, न जाने क्यों मारा
धनबाद शहीद निर्मल महतो मेमोरियल अस्पताल के चिकित्सक ने लाला खान के इंतकाल की पुष्टि की तो उनके भाई बिल्कुल टूट गए। नया बाजार के रमजान मंजिल में रहने वाले छोटे भाई अबू तवाब खान उर्फ रॉकी बोले कि वे सबकी खिदमत करते थे नेक राह दिखाते थे भलाई का काम करते थे सब लोगों के काम आते थे न जाने किसी ने क्यों मारा।
जागरण संवाददाता, धनबाद : शहीद निर्मल महतो मेमोरियल अस्पताल के चिकित्सक ने लाला खान के इंतकाल की पुष्टि की तो उनके भाई बिल्कुल टूट गए। नया बाजार के रमजान मंजिल में रहने वाले छोटे भाई अबू तवाब खान उर्फ रॉकी बोले कि वे सबकी खिदमत करते थे, नेक राह दिखाते थे, भलाई का काम करते थे, सब लोगों के काम आते थे, न जाने किसी ने क्यों मारा। कत्ल का कारण समझ नहीं आ रहा है। बाबू खान ने कहा कि उन लोगों को किसी पर शक नहीं है। भइया की किसी से दुश्मनी नहीं थी। उनसे हम लोगों की बराबर बात होती थी। भइया ने किसी के रंगदारी मांगने की बात भी बताई थी। कोई रंगदारी मांगता अथवा धमकी देता तो परिवार में बात जरुर आती। डीसी और एसएसपी पर यकीन है। असल गुनहगार जरूर पकड़ में आएंगे। लाला खान के छोटे भाई अबू तवाब बोले कि जहां पर उनके भइया को मारा गया है, वहां सीसीटीवी है। पुलिस के पास सच्चाई जानने के बहुत सारे तरीके हैं। सही मुजरिम पकड़ा जाना चाहिए। कोई निर्दोष नहीं फंसना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोयलांचल में जहां भी जाकर उनके भाई के पूछ लीजिए, हर कोई उनकी हत्या से हतप्रभ है। किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि उनकी हत्या कर सकता है। ऐसे लोगों को भी स्कूल में पढ़ाते थे, जो फीस नहीं दे पाते थे। कितनी गरीब लड़कियों का उन्होंने निकाह कराया है। रमजान में गरीब परिवारों की खुद फिक्र करते थे। मदद करते थे तो किसी को बोलते नहीं थे। जिसने भी उन्हें मारने का गुनाह किया है, उसे ऊपर वाले के पास भी जरूर जवाब देना होगा। तब्लीगी जमात से भी जुड़े हुए थे लाला खान लाला खान तब्लीगी जमात से जुड़े थे। वे लोगों को ईमान की राह चलने का संदेश देते थे। गोली लगने के बाद उन्हें सीएनएमसीएच ले जाया गया तो जब्बार मस्जिद के मौलाना नौशाद, जसीम अहमद, मोहम्मद वसीम, मोहम्मद कलीमुद्दीन, मोहम्मद सरफराज, शमी खान, मोहम्मद अलाउद्दीन अंसारी, परवेज समेत वासेपुर एवं नया बाजार के दर्जनों मानिंद लोग वहां गए। अधिकतर लोगों की आंखें नम थी।