सेकेंड क्लास के टिकट पर, वर्दी वाली मैडम खा रही थींं Rajdhani की हवा...आगे आप भी जानिए फिर हुआ क्या
रेलवे में वर्दी वालों की अपनी धाक है। कहीं जाना हुआ तो अपनी मर्जी से कहीं भी बैठ जाते हैं। अब वो जगह राजधानी एक्सप्रेस की गार्ड लॉबी ही क्यों न हो। अगर टिकट के पैसे मांग लिए गए तो आरपीएफ उल्टा टिकट चेकिंग स्टाफ को ही उतार लेती है।
धनबाद, जेएनएन : रेलवे में वर्दी वालों की अपनी धाक है। कहीं जाना हुआ तो अपनी मर्जी से कहीं भी बैठ जाते हैं। अब वो जगह राजधानी एक्सप्रेस की गार्ड लॉबी ही क्यों न हो। और अगर टिकट के पैसे मांग लिए गए तो आरपीएफ उल्टा टिकट चेकिंग स्टाफ को ही उतार लेती है।
ताजा मामला आरपीएफ की महिला कांस्टेबल का है। मैडम को गुवाहाटी से जयपुर जाना था। इसके लिए उनके पास सेकेंड क्लास का रेलवे पास था। मगर उनकी मर्जी राजधानी एक्सप्रेस में सफर करने की थी। सो डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस में सवार हो गईं।
टिकट जांच के दौरान ट्रेन अधीक्षक रितेश कुमार उनके पास पहुंचे। चेकिंग में पाया गया कि उनके पास राजधानी एक्सप्रेस में सफर करने का अधिकार नहीं है। इस पर ट्रेन अधीक्षक ने राजधानी में बैठने देने से साफ इन्कार कर दिया। बात नहीं बनी तो महिला कांस्टेबल ने उनके पास मौजूद पास के अतिरिक्त राजधानी का शेष किराया ईएफटी यानी एक्सेस फेयर टिकट चुकाने की रजामंदी दी।
अभी सबकुछ चल ही रहा था कि अचानक मैडम गायब हो गई। ट्रेन अधीक्षक ने सोचा चलो बला टली। पर कुछ ही देर बाद पता चला कि मैडम को मुफ्त सफर करना है और इसलिए उन्होंने गार्ड वाले केबिन में अपना कब्जा जमा लिया है। राजधानी सरपट दौड़ती रही और मैडम गार्ड केबिन में आराम फरमाती रहीं। कोई उपाय न सुझा तो ट्रेन अधीक्षक ने बिहार के कटिहार रेल मंडल के सिक्योरिटी कंट्रोल को संदेश भेज दिया। लिखा कि महिला आरपीएफ कांस्टेबल जबरन राजधानी एक्सप्रेस के गार्ड ब्रेक में सवार हो गई हैं। उनके पास पहचान पत्र भी नहीं है और न ही उनका पास राजधानी एक्सप्रेस में सफर के लिए अधिकृत है। ट्रेन बलिया स्टेशन से खुल चुकी है और वाराणसी पहुंचने वाली है। कम से कम राजधानी एक्सप्रेस जैसी वीआइपी ट्रेन में ऐसी गतिविधियों को रोकने की कृपा की जाए।
ट्रेन जैसे ही वाराणसी पहुंची उलटे ट्रेन अधीक्षक को आरपीएफ ने ट्रेन से खींचकर नीचे उतार दिया। कुछ ही देर में मामला ट्विटर पर वायरल हो गया।
इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ ऑर्गेनाइजेशन ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। मामले पर धनबाद डीआरएम से भी ट्विटर पर सवाल पूछे जा रहे हैं। ट्वीट कर मुकेश कुमार ने पूछा है कि क्या इस घटना में अब तक गिरफ्तारी नहीं हो जानी चाहिए थी या किसी को भी वर्दी पहन लेने मात्र से कानून तोड़ने का लाइसेंस मिल जाता है। डीआरएम ने ट्वीट कर बताया कि ट्रेन का धनबाद रेल मंडल से वास्ता नहीं है। घटना वाराणसी स्टेशन पर हुई है जो उत्तर रेलवे के अधीन है। डीआरएम लखनऊ को मामले से अवगत करा दिया गया है।