बिचाैलिए के शिकार हो रहे Leh-Ladakh में काम करने वाले झारखंड के मजदूर, दुमका डीसी को बताई आपबीती

मेट ने उस वक्त कहा था कि चार माह काम चलेगा। इसके एवज में प्रतिमाह 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। वहां पहुंचने पर चार माह की बजाए दस माह तक काम करवाया गया। इस दौरान मनमाने तरीके से मजदूरी दी गई।

By MritunjayEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 09:59 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 09:59 AM (IST)
बिचाैलिए के शिकार हो रहे Leh-Ladakh में काम करने वाले झारखंड के मजदूर, दुमका डीसी को बताई आपबीती
लेह-लद्दाख में सड़क निर्माण में लगे झारखंड के दुमका के मजदूर ( फाइल फोटो)।

दुमका, जेएनएन। लाकडाउन से पहले काम के लिए लेह लद्दाख गए मजदूरों को तय मजदूरी से कम रुपये देकर बाकी सभी पैसे मेट ने हड़प लिए। इसकी शिकायत लेकर शुक्रवार को आधा दर्जन मजदूर डीसी व एसपी से मिले तथा अपना बकाया भुगतान कराने की मांग की। जामा लकडज़ोरियां गांव के नीबूलाल हेम्ब्रम, पुतीलाल हेम्ब्रम, जरजोखा गांव के सिंहराज किस्कू व  नाचनगडिय़ा गांव के लुखीराम हांसदा ने बताया कि वह आधा दर्जन साथियों के साथ मार्च 2019 में लॉकडाउन से मुफस्सिल थाना क्षेत्र के धानबाड़ी निवासी मेट रहमान अंसारी के कहने पर जम्मू-काश्मीर के लेह-लद्दाख विजयक परियोजना के 81 आरसीसी चिलिंग में काम करने गए थे।

मेट ने कहा था कि चार माह काम चलेगा। इसके एवज में प्रतिमाह 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। वहां पहुंचने पर चार माह की बजाए दस माह तक काम करवाया गया। इस दौरान मनमाने तरीके से मजदूरी दी गई। इसमें किसी को 25 तो किसी को पांच से दस हजार रुपये मिले। तयशुदा मजदूरी मांगने पर मारपीट भी की गई।  किसी प्रकार दूसरे शिविर में काम करने वाले मजदूरों से पैसा लेकर वे लोग दुमका पहुंचे। इसके बाद सभी डीसी व एसपी से आरोपित मेट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए बकाया मजदूरी भुगतान का अनुरोध किया है।

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