Cyber Crime: सावधान ! चूके तो आपका मोबाइल कंट्रोल करेगा ठग

साइबर अपराधी ठगी के लिए वाट्सएप पर संदेश भेजता है। आपका एटीएम व सिम ब्लाक हो गया है। किसी ने उसके संदेश पर जवाब दिया तो तुरंत उससे कहता है कि आधार लिंक करें। बैंक के कस्टमर केयर पर बात करें।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 10:31 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 06:51 AM (IST)
Cyber Crime: सावधान ! चूके तो आपका मोबाइल कंट्रोल करेगा ठग
जामताड़ा के साइबर अपराधियों के हथियार (फाइल फोटो)।

कौशल सिंह, जामताड़ा। जामताड़ा के सियाटांड़ का रहने वाला साइबर ठग महेंद्र मंडल। केवल आठवीं तक पढ़ा लिखा। इसके बावजूद एक से एक काबिल और पढ़े लिखे लोगों को चूना लगा वह दो साल में ही करोड़पति बन गया। तकनीक के बल पर पलक झपकते ही यह शातिर ठग अपने शिकार के मोबाइल को हैक करता है। इसके बाद उसके खाते से रकम उड़ा लेता है। बात करते समय विनम्र इतना कि उसके जाल में खाताधारक फंस ही जाता है। चार दिन पहले जब जामताड़ा पुलिस के हत्थे यह चढ़ा तो उसने ठगी के जो तरीके बताए, उनसे पुलिस भी हतप्रभ रह गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस ठग ने डाक्टर, इंजीनियर, कारोबारियों समेत कई पढ़े लिखे खाताधारकों को ठगा है। इस काम में तकनीक और अपने मोबाइल को हथियार बनाया।

ऐसे उड़ाता है शिकार के खाते से रकम

सियाटांड़ में साइबर ठगी के एक से एक माहिर खिलाड़ी रहते हैं। इनकी चमक दमक देख महेंद्र ने भी उसी राह पर कदम बढ़ा दिया। सोचा लोग जागरूक हो रहे हैं, यूं जाल में नहीं फसेंगे, सो नई तकनीक का सहारा लिया। शिकार को वह वाट्सएप पर संदेश भेजता है। आपका एटीएम व सिम ब्लाक हो गया है। किसी ने उसके संदेश पर जवाब दिया तो तुरंत उससे कहता है कि आधार लिंक करें। बैंक के कस्टमर केयर पर बात करें। खाताधारक को वह कस्टमर केयर के नाम पर अपना मोबाइल नंबर देता है। उस नंबर पर ज्योंही खाताधारक बात करता है वह उसे बातों के जाल में फंसाकर एनी डेस्क एप उसके मोबाइल में डाउनलोड करवा देता है। उसके बाद एनी डेस्क कोड पूछकर उसके मोबाइल को रिमोट पर लेकर खुद आपरेट करने लगता है। खाताधारक का मोबाइल अपने कंट्रोल में लेकर वह उसके मेल सिस्टम में घुसकर ओटीपी भी ले लेता है, इसके साथ ही नकदी खाते से उड़ा लेता है।

घरवालों के खाते में डालता उड़ाई गई राशि

महेंद्र ने महज 19 साल की उम्र में 50 लाख की कीमत का आलीशान मकान बनवाया है। ठगी की रकम वह अपने घरवालों और रिश्तेदारों के अकाउंट में डालता है। अपने माता-पिता और भाइयों के अलावा उसने कई रिश्तेदारों के अकाउंट में भी पैसे डलवाए। मकसद यही कि समय पर उनका वह खुद उपयोग कर ले।

ठगी से बचने को इसका रखें ध्यान

किसी को अपने खाते की जानकारी नहीं दें। यदि कोई अपने को बैंक अधिकारी कहकर भी जानकारी मांगे तो नहीं बताएं।  कोई भी लिंक बिना सोचे समझे मत छुएं, किसी के कहने पर कोई एप भी नहीं लोड करें। फेसबुक पर अनजान लोगों से दोस्ती मत करें। उपहार व इनाम संबंधी संदेश के लोभ में नहीं फंसें। उसी एटीएम से पैसे निकालें जहां गार्ड तैनात हो।

आरोपित के पास से छह मोबाइल, 10 सिम कार्ड, चार पासबुक एक आधार और एक पैन कार्ड मिला है। टेक्निकल सेल की टीम महेंद्र के मोबाइल की जांच कर रही है। इससे पता चलेगा कि कितने लोगों को इसने ठगी का शिकार बनाया है।

-सुरेश प्रसाद, साइबर थाना प्रभारी, जामताड़ा

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