उत्क्रमित मध्य विद्यालय टुंडू सिनिडीह के स्थानांतरण के विरोध में ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

नावागढ़ टुंडु मोड़ स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिनीडीह के स्थानांतरण का मामला तूल पकड़ने ल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 08:42 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 08:42 PM (IST)
उत्क्रमित मध्य विद्यालय टुंडू सिनिडीह के स्थानांतरण के विरोध में ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
उत्क्रमित मध्य विद्यालय टुंडू सिनिडीह के स्थानांतरण के विरोध में ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

नावागढ़: टुंडु मोड़ स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिनीडीह के स्थानांतरण का मामला तूल पकड़ने लगा है। सोमवार को बीईओ सुभाष प्रसाद व बीपीओ विकास लाल दास विद्यालय पहुंचे। यहां उन्हें ग्रामीणों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा। दर्जनों की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने अधिकारियों के विरोध में जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने सीओ से मोबाइल पर वार्ता किया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। दरअसल टुंडू मोड़ स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय को सिनीडीह सीके भूली में स्थानांतरण करने की योजना है। फोरलेन निर्माण में आ रहे बाधा को देखते हुए एनएचएआइ ने विद्यालय भवन को डिस्मेंटल करने के लिए शिक्षा विभाग से एनओसी ली है। विगत शनिवार को एनएचएआइ के अधिकारी मशीन लेकर विद्यालय भवन को डिस्मेंटल करने आए थे, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा था। इसी को लेकर बीईओ, बीपीओ, ग्रामीणों को समझाने, बुझाने सिनीडीह पहुंचे थे। ग्रामीणों का कहना है कि एनएचएआइ के अधिकारी और शिक्षा विभाग के अधिकारी आपस में मिलकर गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित करना चाहते है। छोटे छोटे बच्चे को सीके भूली विद्यालय जाने में परेशानी होगी। विभाग जबतक विद्यालय भवन के आसपास जगह चयनित कर नया भवन का निर्माण नहीं कराता है, तब तक उक्त विद्यालय भवन को डिस्मेंटल नहीं करने देंगे। विद्यालय के ही एक शिक्षक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि विद्यालय प्रबंधन के पास 27 डिसमिल जमीन के कागजात उपलब्ध है। विभाग अगर चाहे तो उक्त जमीन पर भवन का निर्माण करा सकता है। मालूम हो कि उक्त विद्यालय में कुल छह शिक्षक पदस्थापित है, जिसमें दो सौ बच्चे नामांकित है। यहां सिनीडीह बस्ती, ब्राह्माणडीहा बस्ती, महेशपुर 75 क्वाटर, सिनीडीह चौहान टोला, हरिनगर, हनुमान नगर, सुरेंद्र मार्केट, नारायण धौड़ा से बच्चे पढ़ने आते हैं। ग्रामीणों में सलमा बेगम, रुखसाना बेगम, प्राणभारती, आदित्य ग्याली, समा बेगम, सुधीर बाउरी, सुरेश रजवार, रोहन रजवार, सुनीता देवी, कमला देवी, मीरा देवी, केशव गोप, आशा देवी, बदली देवी, चमेली देवी, चंपा देवी, लक्ष्मी देवी, कांति देवी, मंजू देवी, रोहिणी देवी सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।

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