रोजगार की तलाश में मजदूरों का जत्था चेन्नई रवाना

कतरास कोरोना संक्रमण कम होने के साथ ही मजदूर रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेशों में जाने लगे हैं। अपने घर गांव में स्थायी रोजगार नहीं मिलने के कारण उनका दूसरे राज्यों में जाना मजबूरी बता रहे हैं। रविवार को ऐसे ही मजदूरों का जत्था रोजगार के लिए कतरासगढ़ रेलवे स्टेशन से चेन्नई के लिए रवाना हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 11:59 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 11:59 PM (IST)
रोजगार की तलाश में मजदूरों का जत्था चेन्नई रवाना
रोजगार की तलाश में मजदूरों का जत्था चेन्नई रवाना

संवाद सहयोगी, कतरास : कोरोना संक्रमण कम होने के साथ ही मजदूर रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेशों में जाने लगे हैं। अपने घर गांव में स्थायी रोजगार नहीं मिलने के कारण उनका दूसरे राज्यों में जाना मजबूरी बता रहे हैं। रविवार को ऐसे ही मजदूरों का जत्था रोजगार के लिए कतरासगढ़ रेलवे स्टेशन से चेन्नई के लिए रवाना हुआ। रविवार को धारकिरो के पास का रहने वाले एक व्यक्ति की अगुवाई में करीब 13 युवक एलेप्पी एक्सप्रेस से रवाना हुए। इन लोगों ने अपना घर बगोदर व तोपचांची बताया। मजदूरों ने कहा कि रोजी रोटी का सवाल है। आखिर घर में रह कर क्या करेंगे। कोरोना का समय खत्म हो गया है। कहीं भी रहेंगे हिफाजत के साथ रहेंगे, कुछ नहीं होगा। यहां रोजगार कहां मिलता है। चेन्नई जाने वालों में बगोदर के चेतन साव, अरवाज अंसारी, असगर अंसारी, कृष्णा कुमार तथा मनोज के अलावा अन्य युवक शामिल थे। जबकि तोपचांची के तीन युवक थे, जिसने अपना नाम तथा गांव कार नाम बताने से साफ इंकार कर गया। युवकों ने कहा कि वे लोग पहली बार काम करने जा रहे हैं। इतना जानते हैं कि वे कांछीपुरम जा रहे हैं तथा वहां मोटर पाटर््स को पेकिग करने का काम करना है। जहां 13 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेगा। जिसमें खाना खाना है तथा रहने की व्यवस्था कंपनी द्वारा की जाएगी। अपनों से बिछुड़ने का गम है पर पेट की आग के आगे क्या कर सकते हैं। एक युवक ने बताया कि धारकिरो के पास का एक व्यक्ति हैं, जो उनलोगों को काम दिलाने के लिये ले जा रहा हैं। वे भी इसी ट्रेन में मिलेंगे। पहले से तीन हजार रुपए करके सभी को दिया गया है। कुछ रुपये घर में देकर एक-एक हजार रुपये लेकर जा रहे हैं।

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