HURL: कामेश्वर झा बनाए गए ग्रुप जीएम, चार साल में चाैथी बार उच्च प्रबंधन में बदलाव

HURL Sindri हर्ल की सिंदरी इकाई गैस पर आधारित है। यहां गैस से यूरिया का उत्पादन होगा। यूरिया नीम कोटेड होगा। इस प्लांट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 मई 2018 को किया था। इसके बाद तेजी से काम शुरू हुआ।

By MritunjayEdited By: Publish:Tue, 05 Oct 2021 08:32 AM (IST) Updated:Tue, 05 Oct 2021 08:32 AM (IST)
HURL: कामेश्वर झा बनाए गए ग्रुप जीएम, चार साल में चाैथी बार उच्च प्रबंधन में बदलाव
हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड सिंदरी ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, सिंदरी। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (HURL) सिंदरी उच्च प्रबंधन में एक बार फिर बदलाव हुआ है। कामेश्वर झा को हर्ल सिंदरी का नया ग्रुप जेनरल मैनेजर बनाया गया है। कामेश्वर झा एनटीपीसी के दर्लीपल्ली थर्मल पावर संयंत्र ओडि़शा में जेनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। हर्ल संयंत्र के चार साल की निर्माण अवधि में हर्ल उच्च प्रबंधन ने चौथी बार बदलाव करते हुए कामेश्वर झा को ग्रुप जेनरल मैनेजर बनाया है। इसके पहले सिंदरी में हिम्मत सिंह चौहान, सुनील कुमार सिन्हा और एमसी कर्ण महाप्रबंधक व प्रभारी महाप्रबंधक रह चुके हैं। लगभग सात हजार करोड़ की लागत से बन रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी उर्वरक परियोजना के निर्माण को लेकर हर्ल उच्च प्रबंधन काफी गंभीर है। परियोजना का 97 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। और 31 मार्च 2022 को हर्ल सिंदरी में यूरिया उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।

25 मई, 2018 को प्रधानमंत्री ने किया था शिलान्यास

हर्ल की सिंदरी इकाई गैस पर आधारित है। यहां गैस से यूरिया का उत्पादन होगा। यूरिया नीम कोटेड होगा। इस प्लांट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 मई, 2018 को किया था। इसके बाद तेजी से काम शुरू हुआ। हालांकि 25, मार्च, 2020 को लाकडाउन के कारण परियोजना का काम ठप पड़ा गया। कोरोना के कारण परियोजना का काम प्रभावित हुआ है। 

प्रबंधन का निर्णय समझ से परे

सिंदरी इकाई में उच्च प्रबंधन पर बार-बार बदलाव हो रहा है। इसे लोग समझने में लगे हैं। क्या यह बदलाव प्लांट को तेजी से पूरा करने लिए हो रहा है या कुछ और वजह है। एमसी कर्ण का तबादला लोगों को समझ में आता है। उनका स्थानीय राजनीतिक दलों से संबंध बिगड़ गए थे। स्थानीय भाजपा विधायक इंद्रजीत महतो ने तबादले की मांग की थी। उनपर राजनीतिक दलों के साथ पक्षपात करने के आरोप थे। अब सिंदरी इकाई की कमान कामेश्वर झा के हाथ में आ गई है। उम्मीद की जा रही है कि मार्च, 2022 तक प्लांट में यूरिया का उत्पादन शुरू हो जाएगा।

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