रोजेदारों ने अल्लाह की बारगाह में हाथ उठाकर कोरोना से निजात दिलाने की दुआ मांगी
धनबाद कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए जुमा अतुल विदा की नमाज सादगी से अदा की गई। सब्र बरकत इबादत तिलाबत अजमत मगफिरत गुनाहों से माफी का मुकद्दस महीना रमजान के अलविदा जुमे पर रहमतों की बौछार हुई। जिले की जामा मस्जिद मरर्कज वाली मस्जिद व अन्य प्रमुख मस्जिदों में नमाज अदा की गई।
जासं, धनबाद : कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए जुमा अतुल विदा की नमाज सादगी से अदा की गई। सब्र बरकत इबादत तिलाबत, अजमत, मगफिरत गुनाहों से माफी का मुकद्दस महीना रमजान के अलविदा जुमे पर रहमतों की बौछार हुई। जिले की जामा मस्जिद, मरर्कज वाली मस्जिद व अन्य प्रमुख मस्जिदों में नमाज अदा की गई। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मस्जिदों में सिर्फ पेश इमाम, नायब इमाम, मोअज्जिम व खादिम ने नमाज अदा की। इस दौरान लोगों ने अमन-चैन, सुख, आपसी प्रेम बनाए रखने, कौम की तरक्की और कोरोना को जल्द से जल्द निजात दिलाने की अल्लाह से दुआ मांगी। अलविदा जुमे के बाद अब लोगों को ईद का इंतजार है। अलविदा जुमे के बाद ईद में चार-पांच दिन ही बचा हुआ है। हालांकि चांद के दिखाई देने पर ही ईद की तारीख तय होती है। 13 को चांद दिखने पर 14 मई को ईद मनाई जाएगी। त्योहार को लेकर उत्साह चरम पर है। ईद के लिए खरीदारी जोर-शोर से चल रही है। लॉकडाउन के सारी पाबंदियों के बावजूद बाजार में रौनक है। जुमा अल्लाह के दरबार में रहम का दिन :
अल्लाह के दरबार में रहम का दिन माना जाता है जुमा। इस्लाम में जुमे का खास महत्व है। इस दिन को अल्लाह के दरबार में रहम का दिन माना जाता है। इस दिन नमाज पढ़ने वाले इंसान की पूरे हफ्ते की गलतियों को अल्लाह माफ कर देते हैं और उसे आने वाले दिनों में अच्छा जीवन जीने का संदेश देते हैं। मान्यताओं के अनुसार, रमजान के पाक महीने में जुमे की नमाज अदा करने से हर दुआ कबूल होती है।