नहीं रहे क्रिकेटर Yashpal Sharma, खेल ही नहीं राजनीति जगत में भी शोक; सीता ने 1983 विश्व कप का बताया हीरो
भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य रहे यशपाल शर्मा का निधन हो गया है। उनके निधन की खबर मिलते ही क्रिकेट प्रेमियों में शोक की लहर दाैड़ गई। धनबाद जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज सिंह और महासचिव विनय सिंह ने दुख प्रकट किया है।
धनबाद, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य और सिलेक्टर रहे यशपाल शर्म नहीं रहे। उनका 66 साल की उम्र में दिल का दाैरा पड़ने से मंगलवार की सुबह निधन हुआ। शर्मा 1983 विश्व विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे हैं। उनके निधन से देशभर के साथ धनबाद के क्रिकेट प्रेमियों में भी शोक की लहर दाैड़ गई। क्रिकेट के इतर राजनीति और अन्य क्षेत्र के लोग भी शोक व्यक्त कर रहे हैं। झामुमो की महासचिव और जामा की विधायक सीता सोरेन ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया है।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर #YashpalSharma जी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ, वह 1983 विश्व कप जीत के नायकों में से एक थे। ईश्वर शोक संतप्त परिवार के सदस्यों, प्रशंसकों और अनुयायियों को सहन शक्ति दे. 🙏💐 pic.twitter.com/3gWPjqKb3D
— Sita Soren (@SitaSorenMLA) July 13, 2021
झामुमो विधायक सीता ने बताया हीरो
शर्मा के निधन पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी और झामुमो विधायक सीता सोरेन ने ट्वीट कर कहा है-पूर्व भारतीय क्रिकेटर के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। वह 1983 विश्व क्रिकेट कप जीत के नायकों में से एक थे। ईश्ववर शोक संतप्त परिवार के सदस्यों, प्रशंसकों और अनुयायियों को सहन शक्ति दे।
धनबाद जिला क्रिकेट एसोसिएशन ने बताया अपूरणीय क्षति
धनबाद जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज सिंह ने शर्मा के निधन को क्रिकेट जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। दोनों ने शोक संदेश में कहा है-उनके जैसा क्रिकेटर भारत को मिलना मुश्किल है। वे देश के हजारों-लाखों युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं। सिलेक्टर की हैसियत से बड़ी संख्या में युवा खिलाड़ियों के करियर को संवारा है।
1983 विश्व क्रिकेट कप के थे हीरो
1983 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ जीत के साथ शुरुआत की। इसमें शर्मा की अहम भूमिका थी। जब वह क्रीज पर उतरे तो टीम का स्कोर तीन विकेट पर 76 रन था जो जल्द ही पांच विकेट पर 142 रन हो गया। शर्मा ने 120 गेंद पर 89 रन की पारी खेली। उन्होंने अच्छे शॉट तो लगाए ही साथ ही विकेट के बीच अच्छी दौड़ भी लगाई। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आक्रामक 40 रन हों या फिर इंग्लैंड के खिलाफ मुश्किल हालात में खेली गई 61 रन की पारी। शर्मा ने टूर्नमेंट में 34.48 के औसत से 240 रन बनाए। भारत ने अंत में वर्ल्ड कप अपने नाम किया।
सिलेक्टर के रूप में नए-नए खिलाड़ियों को बढ़ाया आगे
यशपाल शर्मा साल 2003 से 2006 तक भारतीय टीम के सिलेक्टर रहे। यह भारतीय क्रिकेट के लिए थोड़ा अजीब वक्त था। उन्होंने तब टीम के कोच ग्रेग चैपल के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी और सौरभ गांगुली का समर्थन किया था। साल 2008 में वह दोबारा सिलेक्टर बने।
1983 क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारतीय विजेता टीम के सदस्य रहे यशपाल शर्मा का का अचानक चला जाना काफी दुखद है। इनका जाना भारतीय क्रिकेट के लिए बड़ी क्षति है। धनबाद क्रिकेट एसोसिएशन अपनी ओर से इन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करता है।
-विनय कुमार सिंह, महासचिव, धनबाद क्रिकेट एसोसिएशन
यशपाल शर्मा वर्ष 1983 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारतीय टीम को जीत दिलाने में अहम किरदार में रहे थे। क्रिकेट को लेकर हमेशा सक्रिय रहते थे। अचानक इस तरह से इन के चले जाने की खबर से स्तब्ध हूं।
-बीएल झा, पूर्व क्रिकेटर व टाटा फीडर सेंटर के इंचार्ज