आमाघाटा मौजा जमीन जालसाजी मामले झामुमो का हाथ? पकड़ाए फर्जी अनंतदेव ने खोला राज...पढ़‍िए पूरी खबर

आमाघाटा मौजा की 28.50 कठ्ठा जमीन फर्जी कागजातों के आधार पर बेचने के मामले में फर्जी अनंतदेव चंद्रा की गिरफ्तारी हो चुकी है। गिरफ्तार किशन रवानी उर्फ छोटू ने मृतक अनंतदेव चंद्रा बनकर अन्य दस लोगों के साथ मिलकर हीरा कारोबारी उदय कुमार गुप्ता से 11.50 लाख रुपये ठग लिए।

By Atul SinghEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 02:38 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 02:38 PM (IST)
आमाघाटा मौजा जमीन जालसाजी मामले झामुमो का हाथ?  पकड़ाए फर्जी अनंतदेव ने खोला राज...पढ़‍िए पूरी खबर
हीरा कारोबारी उदय कुमार गुप्ता से 11.50 लाख रुपये ठग लिए।( प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

 धनबाद, जेएनएन : आमाघाटा मौजा की 28.50 कठ्ठा जमीन फर्जी कागजातों के आधार पर बेचने के मामले में फर्जी अनंतदेव चंद्रा की गिरफ्तारी हो चुकी है। गिरफ्तार किशन रवानी उर्फ छोटू ने मृतक अनंतदेव चंद्रा बनकर अन्य दस लोगों के साथ मिलकर हीरा कारोबारी उदय कुमार गुप्ता से 11.50 लाख रुपये ठग लिए। किशन ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस की ओर से की गई पूछताछ में कई ऐसे नामों का खुलासा किया है जो चौंकाने वाले हैं। किशन ने पुलिस को बताया है कि इस मामले में झामुमो जिला कमेटी के एक बड़े नेता भी शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस अभी उस नेता के नाम का खुलासा नहीं कर रही है। इसके अलावा नीरज सिंह, धीरज सिंह समेत अन्य आरोपियों के बारे में भी जानकारी दी है। पुलिस अब फर्जी अनंतदेव चंद्रा उर्फ किशन रवानी उर्फ छोटू को गिरफ्तार करने के बाद अन्य आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है।

गुजरात से जुड़ा मामला : इस मामले की अहम कड़ियों में तीन महिलाएं भी हैं। इनमें से एक भागाबांध झरिया की पुतुल कुमारी, अहमदाबाद गुजरात की शारदा भूषण और जेसी मल्लिक रोड धनबाद निवासी विभा देवी का नाम शामिल है। सरायढेला पुलिस अब इस मामले को लेकर गुजरात जाने की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद पुलिस यह कार्रवाई करेगी।

पैसे मिल जाते तो नहीं खुलता मामला - प्राथमिकी दर्ज कराने वाले उदय कुमार गुप्ता को इस फर्जीवाड़े की जानकारी एक साल पहले हो गई थी। उन्होंने सभी आरोपितों से उनका 11.50 लाख रुपये वापस करने का आग्रह किया था। गुप्ता की मानें तो उन्होंने यह साफ कहा था कि जमीन फर्जी तरीके से बेची जा रही है, इसलिए वे अपना पैसा वापस चाहते हैं। उन्हें जमीन से कोई सरोकार नहीं। इस आग्रह के बावजूद आरोपितों ने उदय कुमार गुप्ता को पैसा वापस देने की जगह धमकी देने लगे।

प्रधान सचिव के आदेश पर पुलिस ने की कार्रवाई : जमीन की इस धोखाधड़ी मामले में सरायढेला पुलिस को करीब छह माह पूर्व ही उदय कुमार गुप्ता ने सूचना दी थी। सूचना मिलने के बाद भी पुलिस स्थिल थी। इसके बाद गुप्ता ने मुख्यमंत्री प्रधान सचिव, आइजी समेत अन्य अधिकारियों को पत्र दिया तो प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू हुई। बताया जाता है कि इस मामले में स्थानीय पुलिस को झामुमो के उस नेता के बारे में पहले से पता था।

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