Dhanbad Union Politics: इंटक नेता सह बेरमो विधायक अनूप सिंह व पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी को झटका
झारखंड के ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार रांची एसएम पाठक ने बुधवार को सत्ताधारी कांग्रेस के विधायक कुमार जयमंगल सिंंह उर्फ अनूप सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ धनबाद की गठित कमेटी को मान्यता देने से इन्कार कर दिया है।
धनबाद, जेएनएन: झारखंड के ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार, रांची एसएम पाठक ने बुधवार को सत्ताधारी कांग्रेस के विधायक कुमार जयमंगल सिंंह उर्फ अनूप सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ धनबाद की गठित कमेटी को मान्यता देने से इन्कार कर दिया है।
इस कमेटी में महामंत्री एके झा थे। यह यूनियन पूर्व मंत्री स्व. राजेंद्र सिंंह की अध्यक्षता में संचालित होती थी, जिसको लेकर विवाद होने के बाद मान्यता को लेकर अलग-अलग आवेदन दिए गए थे। इसी यूनियन की अपनी कमेटी का नाम रजिस्टर बी दर्ज करने के लिए राज्य सरकार के पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक केएन त्रिपाठी ने भी आवेदन को खारिज करते हुए कहा कि चूंंकि इस यूनियन की मान्यता 2017 में ही रद हो चुकी है, इस कारण इसकी कमेटी का नाम नहीं चढ़ाया जा सकता।
इस मसले को लेकर पहले से ही ललन चौबे और ददई दुबे गुट हाई कोर्ट की शरण में है। और इसमें अनूप सिंंह और केएन त्रिपाठी भी पार्टी बने है। इस कारण न्यायालय का फैसला आने तक श्रम विभाग इंतजार करेगा।
राष्ट्री कोलियरी मजदूर संघ एकीकृत बिहार के वक्त वर्ष 1951 में गठित कमेटी को मान्यता देने से इन्कार कर दिया है। बिहार सरकार के श्रम विभाग से निबंधित था, जिसके अध्यक्ष बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दुबे होते थे। कालांतर में इंटक में दो फाड़ हो गया। इसमें कांग्रेस के तत्कालीन सांसद ददई दुबे और ललन चौबे एक गुट में थे और इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी और राजेंद्र सिंंह अलग एक दूसरे गुट में। इस बीच राकोमसं राजेंद्र सिंंह की अध्यक्षता में चलने लगी, तो ददई दुबे भी समानांतर कमेटी चलाने लगे थे।