शिक्षा विभाग के फरमान पर झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने जताया ऐतराज...Dhanbad News

15 महीने से लॉकडाउन है। बहुत सारे बच्चे सरकारी विद्यालय में जा चुके हैं। विद्यालय में अभी कितने बच्चे मौजूद है। यह बताना मुश्किल है। 90 प्रतिशत विद्यालय में ऑनलाइन बच्चे जुड़े हुए भी नहीं है। किसी भी विद्यालयों में मासिक शुल्क भी जमा नहीं हो रहा है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Mon, 31 May 2021 09:53 AM (IST) Updated:Mon, 31 May 2021 09:53 AM (IST)
शिक्षा विभाग के फरमान पर झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने जताया ऐतराज...Dhanbad News
15 महीने से लॉकडाउन है। बहुत सारे बच्चे सरकारी विद्यालय में जा चुके हैं। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

धनबाद, जेएनएन : 15 महीने से लॉकडाउन है। बहुत सारे बच्चे सरकारी विद्यालय में जा चुके हैं। विद्यालय में अभी कितने बच्चे मौजूद है। यह बताना मुश्किल है। 90 प्रतिशत विद्यालय में ऑनलाइन बच्चे जुड़े हुए भी नहीं है। किसी भी विद्यालयों में मासिक शुल्क भी जमा नहीं हो रहा है। बच्चों ने अपना नामांकन भी पिछले दो वर्ष से नहीं कराया है। अब गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के समक्ष एक नई परेशानी खड़ी हो गई है। सभी निजी विद्यालयों यूडाइस के तहत सभी बच्चों का डाटा भरने को शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया है। इसके लिए जिला शिक्षा अधीक्षक और जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 10 दिनों का समय दिया है। विभाग के इस आदेश का गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों ने विरोध किया है। झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के जिला सचिव इरफान खान ने कहा कि यूडाइस में सभी शिक्षक, सभी कक्षा के बच्चों की संख्या को भरा जाता है। विद्यालय में किस वर्ग में कितने बच्चे पढ़ रहे है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 22 मार्च से सभी विद्यालय कोरोना के कारण बंद है। इसलिए यह संभव नहीं है। वर्तमान में राज्य सरकार के द्वारा लॉकडाउन है। विद्यालय एवं कार्यालय खोलने की भी अनुमति नहीं है। ऐसी स्थिति में निजी विद्यालयों के लिए यू डाइस भरना अभी संभव नहीं है। इसलिए जिला शिक्षा अधीक्षक और जिला शिक्षा पदाधिकारी के इस तुगलकी फरमान का झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन तथा गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय विरोध करते हैं। जब तक विद्यालय खुल नहीं जाता है तब तक यह संभव नहीं है। विद्यालय खुलने के बाद भी यू डाइस भरा जाएगा। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन यह मांग करता है कि यूडाइस पोर्टल भरने की अंतिम तिथि को अविलंब बढ़ाया जाए।

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