झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने धनबाद जिले में मान्यता प्राप्त विद्यालयों की मांगी सूची

शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत धनबाद जिले में अभी तक कितने विद्यालयों को मान्यता दी गई। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने मांगी है। एसाेसिएशन के जिला सचिव इरफान खान ने जिला शिक्षा अधीक्षक से सूचना का

By Atul SinghEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 05:17 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 05:17 PM (IST)
झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने धनबाद जिले में मान्यता प्राप्त विद्यालयों की मांगी सूची
शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत धनबाद जिले में

जागरण संवाददाता, धनबाद : शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत धनबाद जिले में अभी तक कितने विद्यालयों को मान्यता दी गई। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने मांगी है। एसाेसिएशन के जिला सचिव इरफान खान ने जिला शिक्षा अधीक्षक से सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांग की है कि मान्यता प्राप्त करने के लिए कितने निजी विद्यालयों ने आवेदन दिया है।

अधिनियम के तहत उन विद्यालयों द्वारा दिए गए आवेदन की भी मांग की गई है। उन सभी निजी विद्यालयों की सूची भी मांगी है जिन्होंने अधिनियम के तहत मान्यता लेने हेतु आवेदन और चालान जमा किया है, साथ ही विभाग के द्वारा संबंधित स्कूलों का स्थलीय जांच से संबंधित जांच प्रतिवेदन एवं कार्यालय से जांच संबंधित प्रतिवेदन की छाया प्रति को भी अधिनियम के तहत उपलब्ध कराने को कहा गया है।

वहीं आवेदन व स्थलीय जांच के बाद अभी तक कितने विद्यालयों को मान्यता दी गई है। बताते चले कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम को राज्य में पिछले वर्ष 2019 में लागू किया गया था जिसमें की नए मानक के अनुरूप कक्षा एक से आठ तक के विद्यालयों को मान्यता लेना था। इसमें फायर ब्रिगेड की एनओसी, सभी विद्यालयों को खेल का मैदान, क्लासरूम का आकार, विद्यालय के चारों और 20 फीट का रास्ता होना आदि बहुत सारे नियम अनिवार्य किए गए थे। जबकि निजी विद्यालयों के लिए इन मानक करना पूरा करना असंभव है।

इरफान खान ने बताया कि इसके खिलाफ झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने रांची हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की और 21 अगस्त 2019 को झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधिश के द्वारा तत्काल पूरे राज्य में स्टे लगा दिया गया तब से अभी तक स्टे लगा हुआ है। वहीं मान्यता लेने हेतु आवेदन भी जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में पिछले वर्ष 2019 में खत्म हो गई थी। उसके बाद आवेदन के लिए तारीख भी नहीं निकाला गया। बावजूद इसके 2020 में शिक्षा विभाग के द्वारा जैक से स्थापना अनुमति प्राप्त विद्यालय और सीबीएसई से मान्यता प्राप्त विद्यालयों को 25000 का चालान जमा कराया जा रहा है।

जब यह मामला कोर्ट में लंबित है और उसकी तिथि खत्म हो गई है तो पुनः चालान जमा कराना यह उचित नहीं है। अगर जिला शिक्षा अधीक्षक के द्वारा मान्यता के लिए चालान जमा लेना था तो आवेदन जमा करने की तिथि निकाला जाना चाहिए था। परंतु आवेदन जमा करने की तिथि नहीं निकाली गई। एसोसिएशन सूचना का अधिकार के माध्यम से जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय से इसकी पूर्ण जानकारी मांगी है। जानकारी मिलने के बाद एसोसिएशन उच्च न्यायालय जाएगा।

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