पब्लिक स्कूलों के मनमानी के खिलाफ अभिभावक संघ ने चलाया हस्ताक्षर अभियान

झारखंड अभिभावक संघ ने सोमवार को हस्ताक्षर अभियान के साथ अपने आंदोलन के तीसरे चरण की शुरुआत की संघ ने प्राइवेट स्कूलों की हर तरह की फीस वसूली के खिलाफ हमारी भी सुनो हेमंत सरकार निजी स्कूल दे रहे हैं दुख अपार।

By Atul SinghEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 05:59 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 05:59 PM (IST)
पब्लिक स्कूलों के मनमानी के खिलाफ अभिभावक संघ ने चलाया हस्ताक्षर अभियान
हमारी भी सुनो हेमंत सरकार, निजी स्कूल दे रहे हैं दुख अपार।

जागरण संवाददाता धनबाद: झारखंड अभिभावक संघ ने सोमवार को हस्ताक्षर अभियान के साथ अपने आंदोलन के तीसरे चरण की शुरुआत की, संघ ने प्राइवेट स्कूलों की हर तरह की फीस वसूली के खिलाफ हमारी भी सुनो हेमंत सरकार, निजी स्कूल दे रहे हैं दुख अपार। कार्यक्रम के तहत रणधीर वर्मा चौक पर लोगों से हस्ताक्षर करवाया।धनबाद जिला अध्यक्ष कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय ने कल से शुरू हो रहे आंदोलन के बारे में  बताया कि 26 मई से 30 मई तक संघ ने  आंदोलन के पहले चरण में सोशल मीडिया के माध्यम राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने का प्रयास किया। वही आंदोलन के दूसरे चरण में सात वार सात  गुहार कार्यक्रम के तहत लगातार 7 दिनों तक विभिन्न कार्यक्रम के माध्यम से राज्य सरकार से गुहार लगाई। मगर सरकार की ओर से हमारी मांगों के ऊपर कहीं कोई कार्रवाई नहीं हो पाया। जिसको देखते हुए हम लोगों ने तीसरे चरण में यह आंदोलन शुरू किया हैं। 26 जुलाई को  हस्ताक्षर अभियान, 27 जुलाई को मौन धरना, 28 जुलाई को उपवास 29 जुलाई को हेमंत सरकार को सद्बुद्धि दे भगवान कार्यक्रम, हवन आदि का आयोजन किया जाएगा।

हस्ताक्षर अभियान में काफी संख्या में अभिभावक शामिल हुए।

संघ की मांग है 

- पिछले साल निकाले गए विभागीय आदेश का शत-प्रतिशत अनुपालन सत्र 2021-22 में भी सुनिश्चित हो ।

- शुल्क के अभाव में छात्रों को ऑनलाइन क्लास से वंचित  ना करे।

- सम्बद्धता प्राप्त निजी विद्यालयों की मनमर्जी पर नकेल कसे, विद्यालय स्तरीय पारदर्शी शिक्षण शुल्क समिति का गठन सुनिश्चित हो।

- झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 को राज्य के सभी जिले में पूर्णतया पारदर्शी तरीके से लागू किया जाय । साथ ही शिक्षण के अनुपात में ही शिक्षण शुल्क का निर्धारण करने, एक्ट के तहत पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन का गठन हर स्कूल में हो ।

- निजी विद्यालयों की पिछले 5 साल का ऑडिट रिपोर्ट की समीक्षा राज्य सरकार करें ताकि जिस स्कूल के आर्थिक स्थिति सही है वहां विभिन्न मदों में लिए जाने वाले शुल्क पर रोक लगे और जिन स्कूलों के आर्थिक हालात खराब है उन्हें आपदा राहत कोश से आर्थिक पैकेज दे सरकार ।

- स्कूलों में चलने वाली बसों के टैक्स ,इंश्योरेंस माफ करने को लेकर कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित करे राज्य सरकार।

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