India Justice Report 2020: न्याय दिलाने में झारखंड 8वें नंबर पर, एक वर्ष में 50 फीसद का सुधार; देखें सूची
India Justice Report -2020 टाटा ट्रस्ट ने चार मानकों के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। इसे तैयार करने में पुलिस न्यायपालिका जेल और कानूनी मदद का अध्ययन किया गया। राज्य के लिए अच्छी बात यह रही कि चारों मानकों में हमारी रैंकिंग पहले से बेहतर हुई है।
धनबाद, जेएनएन। India Justice Report -2020 लोगों को न्याय दिलाने में झारखंड की स्थिति पहले की तुलना में काफी बेहतर हुई है। टाटा ट्रस्ट की की इंडिया जस्टिस रिपोर्ट-2020 में के अनुसार समुचित न्याय दिलाने के मामले में झारखंड की रैंकिंग आठ है। जबकि पिछले वर्ष यानी 2019 में राज्य की रैंकिंग 16वीं थी। इस तरह राज्य की रैंकिंग में 50 फीसद का सुधार हुआ है। टाटा ट्रस्ट ने यह रैंकिंग देश के 18 बड़े व मध्यम राज्यों के प्रदर्शन के आधार पर तैयार की है। वहीं इस मामले में महाराष्ट्र पहले नंबर पर है। वर्ष 2019 में भी महाराष्ट्र नंबर वन पर था। पड़ोसी राज्य बिहार 13वें स्थान पर है। पिछले वर्ष यह 17वें स्थान पर था। दूसरी तरफ छोटे राज्यों यानी जहां आबादी एक करोड़ से कम हैंं, उनमें त्रिपुरा शीर्ष पर है।
चार मानकों पर तय की गई रैंकिंग
टाटा ट्रस्ट ने चार मानकों के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। इसे तैयार करने में पुलिस, न्यायपालिका, जेल और कानूनी मदद का अध्ययन किया गया। राज्य के लिए अच्छी बात यह रही कि चारों मानकों में हमारी रैंकिंग पहले से बेहतर हुई है। टाटा ट्रस्ट ने इस रिपोर्ट को तैयार करने में सात अन्य संस्थाओं की भी मदद ली है।
महिलाओं को नहीं मिल रहा उचित स्थान
रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में इन विभागों में महिलाओं की स्थिति भी काफी दयनीय है। किसी भी विभाग में 33 फीसद महिलाएं कार्यरत नहीं हैं। झारखंड पुलिस में जहां 7.1 फीसद तो जेल में 10.5 महिलाएं हीं कार्यरत हैं। वहीं कानूनी मदद के लिए पारा लीगल महिला वोलेंटियर की संख्या भी 26.5 फीसद ही है।
देश के टॉप-10 राज्यों की रैंकिंग
किस पैमाने पर हमारी कितनी रैंकिंग
विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की स्थिति 7.1 फीसद महिलाएं तैनात है झारखंड पुलिस में 10.5 महिलाकर्मी हैं राज्य के विभिन्न जेलों को मिलाकर 5.9 फीसद महिलाएं हाई कोर्ट में जज के तौर पर तैनात 12.9 फीसद महिलाएं जज है राज्य के विभिन्न जिला अदालतों में 13 फीसद ही महिला वकील है पूरे राज्य में