घोटाले में घोटाला... धनबाद में सात करोड़ के NRHM Scam के आरोपित को फिर दी नौकरी, दायित्व वही पुराना
NRHM Scam अश्विनी उन दस आरोपितों में शामिल हैं जिनपर एंटी करप्शन ब्यूरो ने केस दर्ज किया था। उनको आउटसोर्सिंग पर कैसे रखा गया स्वास्थ्य विभाग के पास कोई जवाब नहीं है। धनबाद पीएचसी में वह एनआरएचएम से जुड़ीं तमाम योजनाओं का काम देख रहे हैं।
मोहन गोप, धनबाद। झरिया-जोड़ापोखर स्वास्थ्य केंद्र में 6.97 करोड़ के बहुचर्चित एनआरएचएम घोटाले के एक आरोपित अश्विनी शर्मा को फिर स्वास्थ्य विभाग ने काम पर रख लिया है। अब वह धनबाद प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्र में सेवा दे रहे हैं। नियमों को ताक पर रख अश्विनी से धनबाद पीएचसी में आउटसोर्सिंग पर डाटा एंट्री आपरेटर का काम लिया जा रहा है अश्विनी उन दस आरोपितों में शामिल हैं, जिनपर एंटी करप्शन ब्यूरो ने केस दर्ज किया था। उनको आउटसोर्सिंग पर कैसे रखा गया, स्वास्थ्य विभाग के पास कोई जवाब नहीं है। धनबाद पीएचसी में वह एनआरएचएम से जुड़ीं तमाम योजनाओं का काम देख रहे हैं। वह सिविल सर्जन कार्यालय में प्राय: विभिन्न बैठकों में भाग लेते हैं। यही नहीं, उन्होंने अपने दो निजी वाहनों को भी भाड़े पर पीएचसी में रखवा दिया है। वाहन चालकों को भी विभाग ने आउटसोर्सिंग पर रखा है।
2019 से एसीबी कर रही जांच :
जोड़ापोखर स्वास्थ्य केंद्र में एनआरएचएम घोटाला 2016 में सामने आया। इसके बाद एसीबी ने जांच शुरू की। मुख्य आरोपित प्रमोद ङ्क्षसह के साथ एसीबी ने दो पूर्व सिविल सर्जन समेत दस कर्मियों को दोषी मानकर जुलाई 2019 में केस किया। जिस अवधि में जोड़ापोखर पीएचसी से एनआरएचएम के पैसों को निजी खातों में ट्रांसफर किया जा रहा था, उस समय डा. शशिभूषण और फिर डा. अरुण कुमार सिविल सर्जन के पद पर थे। सिविल सर्जन स्तर से ही एनआरएचएम के पैसों का आवंटन स्वास्थ्य केंद्रों में होता है। एसीबी ने माना कि इन दोनों की अनदेखी से पैसों का गबन हुआ।
इनपर हुआ है केस
नौकरी छोडऩी पड़ेगी क्या : अश्विनी
दैनिक जागरण ने अश्विनी शर्मा से भी बातचीत की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में आउटसोर्सिंग पर मेरी, एक चालक व एक सफाईकर्मी की बहाली हुई थी। स्वीकार किया कि घोटाले में उन पर केस हुआ है। अभी जमानत नहीं मिली है। फिर कहा- यह सब नहीं छापिएगा, नहीं तो नौकरी चली जाएगी। बोलिए तो नौकरी छोड़कर चले जाते हैं।
मैं अभी नया आया हूं। इसकी जानकारी नहीं थी। मामला अत्यंत गंभीर है। जांच कराई जाएगी। आरोपित को कैसे विभाग में काम पर रखा गया है? जो भी दोषी होंगे, उनपर कार्रवाई होगी।
-डा. श्याम किशोर कांत, सिविल सर्जन, धनबाद