झामुमो के गढ़ दुमका से मुख्यमंत्री की ललकार, झारखंड को नहीं बनने देंगे चारागाह

झारखंड का संताल परगना और दुमका झारखंड मुक्ति मोर्चा का राजनीति गढ़ है। संताल के बरहेट विधानसभा क्षेत्र से राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधायक हैं। दुमका से मुख्यमंत्री के भाई बसंत सोरेन विधायक हैं। झामुमो के इस पिच पर बुधवार मुख्यमंत्री उतरे और जनता पर साैगातों की बारिश की।

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 08:51 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 07:28 AM (IST)
झामुमो के गढ़ दुमका से मुख्यमंत्री की ललकार, झारखंड को नहीं बनने देंगे चारागाह
दुमका पुलिस लाइन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, स्थानीय विधायक बसंत सोरेन व मंत्री सत्यानंद भोक्ता ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता, दुमका। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य के संताल परगना प्रमंडल के दाैरे पर हैं। यह इलाका झारखंड मुक्ति मोर्चा ( JMM) का राजनीतिक गढ़ है। मुख्यमंत्री खुद संताल के साहिबगंज जिले के बरहेट से विधायक हैं। वे मंगलवार को बरहेट में थे। इस दाैरान 'आपका अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार'  कार्यक्रम के तहत पतना और भोगनाडीह में जनता दरबार लगाया। इसके बाद झारखंड की उपराजधानी दुमका की तरफ रूख किया। रात में दुमका सर्किट हाउस में विश्राम किया। इस दाैरान यहां के लोगों से मुलाकात की। उनकी बातें सुनी। बुधवार को 'आपका अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत दुमका पुलिस लाइन में जनता दरबार लगाया। साथ में उनके अनुज और दुमका के विधायक बसंत सोरेन भी थे। मुख्यमंत्री ने यहां दुमका, देवघर, गोड्डा, पाकुड़, जामताड़ा और साहिबगंज के चिह्नित लाभुकों के बीच तकरीबन तीन अरब की परिसंपत्तियों व ऋण के साथ नियुक्ति पत्रों का वितरण किया।

1423 अभ्यर्थियों के बीच नियुक्ति प्रमाण पत्र वितरित

मुख्यमंत्री ने समारोह में बोलते हुए कहा कि अब झारखंड को चारागाह नहीं बनने देंगे। सरकार की प्राथमिकता में गांव का विकास है। तभी समग्र विकास की अवधारणा साकार होगी। वे संताल परगना प्रमंडलीय मेगा परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम में आए थे। इस दौरान परगना के सभी छह जिलों के विभिन्न विभागों के लिए चयनित 1423 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए। 1127 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का वितरण किया। कहा कि जल्द बड़े पैमाने पर राज्य के युवक-युवतियों को सरकारी व निजी क्षेत्रों में नौकरी दी जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने नियुक्ति नियमावली बनाई है। राज्य में ऐसी उद्योग नीति बनाई गई है, जिसके चलते प्रभावित व विस्थापित होने वाले झारखंड के 75 फीसद युवाओं को निजी क्षेत्र में नौकरी व रोजगार देना अनिवार्य होगा। इन क्षेत्रों में निकलने वाले एक करोड़ रुपये तक के ठेके विस्थापितों को देने होंगे। पुलिस बल की नियुक्ति में तेज दौड़ लगाने वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। सभी पंचायत में आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम हो रहा है। इससे सरकार व प्रशासन गांवों तक पहुंच रहा है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 25 लाख रुपये बतौर ऋण स्वरोजगार को दे रहे हैं।

सरकारी नौकरी की सोच त्यागें, हुनर को बनाएं हथियार

सरकारी क्षेत्र में नौकरी की सोच की जगह हुनर के अनुसार स्वरोजगार कर आर्थिक तौर पर सशक्त बनें। झारखंड में पलाश ब्रांड को 1000 करोड़ रुपये का व्यवसायिक माडल बनाएंगे। मुर्गीपालन को राज्य में बढ़ावा देने की योजना है। फिलहाल यहां खपत के मुताबिक अंडे का उत्पादन नहीं होने के कारण दूसरे राज्यों से अंडा सरकार खरीद रही है। सामूहिक प्रयासों से आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम सफल हो रहा है। पंचायत स्तर तक जाकर योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। लाकडाउन से शुरू हुई परेशानियों से उबरने का दौर शुरू हो चुका है। अब विकास योजनाएं धरातल पर उतर रही है। पूर्व की सरकार से आम जनता त्रस्त थी। राज्य की सरकार अब मूलवासी, आदिवासी, दलित व पिछड़ों के समग्र विकास को केंद्र में रखकर योजनाएं तय कर रही है। राज्य में कोई भूखा नहीं रहे इसके लिए राज्य सरकार ने अतिरिक्त 15 लाख हरा कार्ड वितरण का लक्ष्य तय किया है। फूलो झानो योजना से हडिय़ा दारू बचने वाली 20 हजार महिलाओं को बिना ब्याज 10 हजार रुपये स्वरोजगार को दिया जा रहा है। संताल में कृषि को बढ़ावा देंगे। जल्द ही दुमका विधानसभा क्षेत्र के मसानजोर डैम से नाला विधानसभा तक सिंचाई सुविधा होगी। यह योजना 2024 तक पूरी होगी। पेयजल संकट के निदान को जल नल योजना चल रही है।

इन्होंने भी किया संबोधित

ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, विधायक प्रो. स्टीफन मरांडी, नलिन सोरेन, प्रदीप यादव व बसंत सोरेन ने भी संबोधित किया।

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