Bollywood: अपना धीरज लेखक से बन गया निर्देशक, आलिंगन में पर्दे के पीछे का दिखेगा हुनर
Jharia writer Dheeraj Mishra को पहचान भी दिलाई तो किसने इसी झरिया की आग ने। 100 वर्षों से लगी झरिया की भूमिगत आग की समस्या पर छपी एक लेख ने धीरज मिश्रा को मायानगरी यानी मुंबई पहुंचाया। धीरज को पहली पहचान उपन्यास पतझड़ और बहार से मिली।
धनबाद, जेएनएन। कोयलांचल ने फिल्मी जगत को एक से एक फनकार दिए हैं। पिछले एक दशक से अपनी कलम का लोहा मनवा चुके लेखक धीरज मिश्रा अब निर्देशक बन चुके हैं। फिल्म आलिंगन से धीरज मिश्रा अपने निर्देशन करियर की शुरुआत करेंगे। यह फिल्म बिखरे रिश्तों पर आधारित है। इसमें तुषार पुरवार मुख्य भूमिका में हैं। अन्य कलाकारों की बात करें तो इस फिल्म में रामायण में सीता की भूमिका निभाने वाली दीपिका चिखलिया, असरानी, भोजपुरी के सुपर स्टार कुणाल सिंह और दिग्गज अभिनेता अनिल रस्तोगी भी दिखेंगे। फिल्म का निर्माण ग्रांड नेशनल मूवीज के तहत किया गया है।
फिल्म का पहला शेड्यूल प्रयागराज में हो चुका पूरा
फिल्म का पहला शेड्यूल प्रयागराज में पूरा हो चुका है। आगे की शूटिंग कश्मीर, आगरा और मुंबई में होगी। धीरज मिश्रा ने बताया कि फिल्म आलिंगन को अगले साल फिल्म महोत्सवों में रिलीज किया जाएगा। धीरज मिश्रा इससे पहले जय जवान जय किसान, चापेकर ब्रदर्स, गालिब और दीनदयाल युगपुरुष जैसी फिल्में लिख चुके हैं। इस वक्त दूरदर्शन पर शनिवार और रविवार को रात साढ़े दस बजे मेरे मन की कस्तूरी का प्रसारण हो रहा है। जिसे खूब पसंद किया जा रहा है।
झरिया की आग मिली पहचान
धीरजा मिश्रा को पहचान भी दिलाई तो किसने, इसी झरिया की आग ने। 100 वर्षों से लगी झरिया की भूमिगत आग की समस्या पर छपी एक लेख ने धीरज मिश्रा को मायानगरी यानी मुंबई पहुंचाया। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जीवन पर आधारित जय जवान, जय किसान हिंदी फिल्म के स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर बाॅलीवुड में कदम रखा। इसमें ओम पुरी, प्रेम चोपड़ा और रति अग्निहोत्री जैसे कलाकार थे। इसके बाद महान क्रांतिकारी चापेकर ब्रदर्स, गालिब और दीनदयाल-एक युग पुरुष जैसी फिल्मों का स्क्रिप्ट लिखा। दीनदयाल-एक युग पुरुष में धारावाहिक रामायण में सीता की भूमिका निभानेवाली दीपिका और अनिता राज ने भूमिका निभाई। धीरज को पहली पहचान उपन्यास पतझड़ और बहार से मिली। इसे धीरज ने झरिया में ही लिखा। इंदिरा नाटक ने धीरज को पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। धीरज की पत्नी यशोमति भी लेखिका हैं। दीनदयाल में उन्होंने संवाद लिखा था।