मुझे मेरा गांव लौटा दो; पंचायत में मिलती थी सुविधाएं, नगर निगम आते ही छीन गई सारी खुशियां
एक समय यहां खेती में हरियाली ही हरियाली दिखती थी। सारी सुविधाएं होती थी। फसल अच्छी होने के कारण घर में खुशियां बनी रहती थी। अब यहां फसल तो होता है पर सुविधा ही छीन गई है। यह कहना है झरिया के सब्जी बागान के किसानों का।
सुमित राज अरोड़ा, झरिया: एक समय यहां खेती में हरियाली ही हरियाली दिखती थी। सारी सुविधाएं होती थी। फसल अच्छी होने के कारण घर में खुशियां बनी रहती थी। ना जाने किसकी नजर लगी अब यहां फसल तो होता है पर सुविधा ही छीन गई है। यह कहना है झरिया के सब्जी बागान के किसानों का। पंचायत में जो भी सुविधा मिलती थी उससे हमारे परिवार में खुशियां बनी रहती थी। सरकार ने जब से इसे नगर निगम में तब्दील किया है तब से यहां कोई सुविधा नही मिलती है। दावे तो बहुत हुए पर उसे धरातल में आज तक नही उतारा गया है। किसी तरह अपने परिवार वालों काे दो जून की रोटी की तलाश में मेहनत करते रहते है। निगम से पहले जब पंचायत हुआ करता था तो बीज, खाद व कई प्रकार की सुविधा उपलब्ध हुआ करते थे। निगम आने के बाद यह सब अब सपना ही बन कर रह गया है। किसानों का कहना है कि यहां पंचायत वापस आ जाए तो यहां फिर से सभी सुविधाएं मिलने की आसार दिखेगा। निगम से अच्छा तो हमारा पंचायत ही था। सब्जी बागान के किसानों ने बताया कि लगभग 70 एकड़ में की जमीन में हम सभी किसान मेहनत कर अपने परिवार वालों का भरण पोषण करते है। लगभग 14 वर्ष पूर्व पहले इस क्षेत्र को नगर निगम में तब्दील किया गया। निगम आते ही सारी सुविधा धीरे धीरे खत्म हो गई। वही लगातार महंगाई बढ़ने से खेती कर फसल उगाना एक बड़ी चुनौती बन गई है। यहां लगभग सौ से भी अधिक किसान है जो खेती से ही अपनी जीविका चलाते है।
क्या कहते है किसान :
पंचायत में सुविधाएं लेना बहुत ही सरल था। किसानों को सारी सुविधा मिल जाती थी। पर अब हमलोगों को वह सुविधा नही मिलती है। यदि पंचायत वापस आ जाए तो वह सुविधाएं भी वापस आ जाएगा।
बुद्धेश्वरी प्रसाद यादव, सब्जी बागान झरिया।
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लगभग 50 साल से हमारे परिवार वालों के समय से यहां खेती करते आ रहे है। जबसे निगम आया है जब से कोई व्यवस्था नही है। पंचायत के समय में काफी सुविधा हुआ करते थे पर अब वह नही है।
प्रेमनाथ यादव, सब्जी बागान झरिया।
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खेती के नाम पर कोई सुविधा निगम नही दे रही है। पंचायत की तरह निगम को भी सारी सुविधा देनी चाहिए ताकि किसानों को समस्या ना हो सके। दुबारा यहां पंचायत को आना चाहिए।
श्रीकांत कुमार, सब्जी बागान झरिया।
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यहां पंचायत ही रहना चाहिए क्यूकि पंचायत के समय यहां कई सुविधा थी जो आज नही है। किसी तरह अपने परिवार वालों का भरण पोषण कर पा रहे है। निगम के आने से सब छीन गया है।
वृंदा प्रसाद, सब्जी बागान झरिया।