मौत के बाद दूसरे की आंख से दुनिया देखेगी शिक्षिका सुजाता

सिंदरी किड्स गार्डेन सेकेंडरी स्कूल झरिया की साइंस की शिक्षिका 26 वर्षीय सुजाता सिंह गोशाला के पास सोमवार को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी। इलाज के दौरान ब्रेन हेमरेज होने से रिम्स रांची में उनकी मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 06:08 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 06:08 AM (IST)
मौत के बाद दूसरे की आंख से दुनिया देखेगी शिक्षिका सुजाता
मौत के बाद दूसरे की आंख से दुनिया देखेगी शिक्षिका सुजाता

संस, सिंदरी : किड्स गार्डेन सेकेंडरी स्कूल झरिया की साइंस की शिक्षिका 26 वर्षीय सुजाता सिंह गोशाला के पास सोमवार को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी। इलाज के दौरान ब्रेन हेमरेज होने से रिम्स रांची में उनकी मौत हो गई। सुजाता की मौत के बाद उनके पति डीवाइएफआइ के झारखंड प्रांतीय उपाध्यक्ष विकास कुमार ठाकुर ने उनकी ही इच्छा के अनुसार उनके नेत्र को दान कर दिया। अब सुजाता दूसरे की आंख से दुनिया को देखेगी। विकास ने अपनी पत्नी सुजाता की मौत के बाद उनकी आंखों को आइ बैंक रांची को दान किया है। मृत्यु के बाद किसी वयस्क की ओर से आंखों को दान करने का सिदरी के इतिहास का यह पहला मामला है। सुजाता की शादी 26 अप्रैल 2019 को विकास के साथ हुई थी। विकास ने अपनी पत्नी की मौत के बाद दृढ़ संकल्पित होकर अपनी मृत पत्नी की आंखों को दान किया, ताकि सुजाता मरने के बाद भी किसी की आंखों की नूर बनकर दुनिया देख सके। डीवाइएफआइ व माकपा सिदरी, बलियापुर लोकल कमेटी के सदस्यों ने सुजाता के असामयिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। सिदरी के यथार्थ की मौत के बाद स्वजनों ने भी उसके अंगों को किया था दान :

इसके पूर्व सिदरी खाद कारखाना के सेवानिवृत्त कर्मचारी मदन उपाध्याय के अभियंता पुत्र अमित कुमार उपाध्याय ने अपने तीन साल के पुत्र यथार्थ की 2014 में मस्तिष्क ज्वर से ब्रेन डेड होने के कारण यथार्थ की आंखें, हृदय, लीवर और किडनी बेंगलुरु में दान कर दिया था। यथार्थ का हृदय सोवियत संघ के एक बच्चे को चेन्नई अपोलो अस्पताल में ट्रांसप्लांट किया गया था। तीन घंटे के भीतर चेन्नई में रेड कार्पेट की घोषणा कर यथार्थ का हृदय बेंगलुरु से चेन्नई अपोलो अस्पताल ले जाया गया था। आज भी यथार्थ का हृदय सोवियत संघ के बेटे के हृदय में धड़क रहा है। यथार्थ की आंखें दुनिया देख रही है। यथार्थ का लीवर और किडनी से दूसरे बच्चे को जीवन मिला है।

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